जमशेदपुर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का खुलासा: 4281 सर्टिफिकेट रद्द, 5 गिरफ्तार
जमशेदपुर में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र का खुलासा: 4281 सर्टिफिकेट रद्द, 5 गिरफ्तार
जमशेदपुर: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के चाकुलिया प्रखंड में मटियाबांधी पंचायत में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने का बड़ा घोटाला सामने आया है। उपायुक्त अनन्य मित्तल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक किशोर कौशल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले की जानकारी दी। जांच में खुलासा हुआ कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत बीपीएल बच्चों के स्कूल नामांकन के लिए जमा दस्तावेजों में भारी गड़बड़ी की गई। जनवरी 2023 से अब तक जारी 4567 जन्म प्रमाण पत्रों में से 4281 फर्जी पाए गए।
घोटाले का खुलासा और कार्रवाई
जांच के दौरान पता चला कि मटियाबांधी पंचायत के सचिव सुनील महतो के लॉगिन आईडी से हजारों फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए गए। इनका उपयोग न केवल स्कूलों में नामांकन के लिए, बल्कि अन्य सरकारी योजनाओं और दस्तावेजों का लाभ उठाने के लिए भी किया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सुनील महतो, वीएलई (प्रज्ञा केंद्र संचालक) सपन महतो, शिवम डे, हरिश प्रमाणिक और आरिफ आलम को गिरफ्तार किया। इनके पास से सीपीयू, लैपटॉप, प्रिंटर और मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए, जिनका इस्तेमाल फर्जीवाड़े में किया जा रहा था।
सामुदायिक साजिश की आशंका
सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट में दावा किया गया कि मटियाबांधी गांव में कोई मुस्लिम परिवार नहीं है, फिर भी वहां के पते पर हजारों मुस्लिम बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र जारी किए गए। हालांकि, ये दावे अभी तक आधिकारिक रूप से पुष्ट नहीं हुए हैं और जांच जारी है।
प्रशासन की सख्ती
जिला प्रशासन ने सभी प्रखंडों में इस तरह की गड़बड़ियों की जांच के आदेश दिए हैं। फर्जी प्रमाण पत्रों की सूची संबंधित विभागों को भेज दी गई है ताकि लाभार्थियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी है और इस रैकेट के पीछे बड़े नेटवर्क की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा।
नागरिकों से अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। यह घोटाला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग पर भी सवाल उठाता है।