धारणा धर्म कोड की मांग को लेकर कांग्रेस का राजधानी रांची में उग्र प्रदर्शन, प्रदर्शन में शामिल हुए सरकार के मंत्री और कांग्रेस प्रभारी।
सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कांग्रेस का राजधानी रांची में उग्र प्रदर्शन, प्रदर्शन में शामिल हुए सरकार के मंत्री और कांग्रेस प्रभारी।

राजभवन पर सरना धर्म कोड की मांग को लेकर कांग्रेस के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने दिया बयान।
रांची :राजभवन पर झारखंड कांग्रेस के नेतृत्व में सरना धर्म कोड की मांग को लेकर धरना _ प्रदर्शन में कृषि , पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने केंद्र सरकार की नियत पर जमकर हमला बोला . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज सबसे अनोखा समाज है . इस समाज में बराबरी , सामूहिकता , एकता और भाईचारगी को प्राथमिकता दी जाती है . ये सब कुछ संविधान में निहित है . उन्होंने कहा कि मरांग गोमके ने भी कहा था आदिवासी समाज सदियों से सामूहिकता में जीता आया है . जिस संविधान से देश का संचालन होता आ रहा है उस संविधान को RSS नहीं मानती . वो संविधान को भारतीय भी नहीं मानती . RSS के लोग महिलाओं को अधिकार देना नहीं चाहते . RSS के लोग महिलाओं को वस्तु से साथ तुलना करते है . मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज की विचारधारा मनुस्मृति से मेल नहीं खाती है . इतिहास गवाह है आदिवासी समाज में कभी कोई जाति प्रथा नहीं रही . BJP के लोग मनुवादी सोच से आदिवासी समाज को चलाना चाहते है . मंत्री ने कहा कि ये लोग आदिवासी समाज को जाति में बांटना चाहते है , लेकिन आदिवासी समाज ये तय करेगा उसका धर्म कौन सा होगा . आदिवासी समाज अपना धर्म को मानने और अपनाने के लिए स्वतंत्र है . इसका अधिकार संविधान के अनुच्छेद 25 में वर्णित है . ये हमारा मौलिक अधिकार है . राहुल गांधी से भी जाति पूछी गई थी . हम समाज में समानता और सामूहिकता की बात करते है . आदिवासी समाज बराबरी में विश्वास रखती है . देश में होने वाले जातिगत जनगणना में सरना धर्म कोड को हर हाल में सातवां कॉलम में शामिल करना होगा . ये लड़ाई अपने अंजाम तक जरूर पहुंचेगी .