चार करोड़ (Four CR) कैस आधा किलो सोना पटना के ड्रग इंस्पेक्टर के घर पर बरामद
Four CR Cash
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस वाले बिहार में शनिवार को पटना में पदस्थापित एक करोड़पति ड्रग इंस्पेक्टर निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के हत्थे चढ़ गया. इस ड्रग इंस्पेक्टर के ठिकानों से मिली दौलत देखकर खुद निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के अधिकारी भी हतप्रभ हैं. इस ड्रग इस्पेक्टर के घर की तलाशी में निगरानी की टीम ने शनिवार की दोपहर तक चार करोड़ से भी अधिक की चल अचल संपत्ति बरामद कर है। पटना में पदस्थापित ड्रग इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार के खिलाफ निगरानी ने उनकी वास्तविक आय से दो करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज कर पटना व गया में उनके कुल 5 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी शुरू कीतो बरामदगी को देख निगरानी की टीम हैरान रह गयी.
पटना के सुल्तानगंज थानाक्षेत्र स्थित मलेरिया ऑफिस के निकट इस भ्रष्ट ड्रग इंस्पेक्टर का घर है. साथ ही पटना के ही गोला रोड में इसका एक निजी दफ्तर, गया में फ्लैट और और वहां एक निजी फार्मेसी कॉलेज भी है. इन सभी ठिकानों परनिगरानी की अलग-अलग टीमें मौजूद हैं और निगरानी की टीम इन सभी 5 ठिकानों
का कोना-कोना खंगाल रही है. पटना के सुल्तानगंज स्थित ड्रग इंस्पेक्टर के घर से अब तक काफी कुछ मिल चुका है. पटना में इन छापेमारियों का नेतृत्व निगरानी के डीएसपी एसके मौआर और गया में छापेमारी का नेतृत्व डीएसपी खुर्शीद आलम कर रहे हैं. पटना, रांची और गया में जमीन के प्लाट की खरीद से सम्बन्धित दस्तावेज, चार लग्जरी कार के साथ कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों में लाखों रुपये के निवेश से सम्बन्धित कागजात भी निगरनी के हाथ लगे हैं. फिलहाल निगरानी की टीम ड्रग इंस्पेक्टर जितेन्द्र कुमार की दौलत से सम्बन्धित दस्तावेजों की जांच में जुटी है.
निगरानी की टीम को लाकर का भी पता चला है, जिसे निगरानी की सीलकरवाने की कार्रवाई कर रही है. ताकि उसकी तलाशी ली जा सके. छापेमारी कर रही निगरानी की टीम के अधिकारियों ने बताया कि यहां से अबतक ढाई किलो चांदी और आधा किलो से अधिक सोने के जेवरात बरामद हो चुके हैं. हालांकि, इसमें कुछ गहने जितेंद्र कुमार के भाई की पत्नी के भी हैं. निगरानी ब्यूरो के सूत्रों ने बताया कि पटना के ही ईस्ट बोरिंग
कैनाल रोड में जितेंद्र कुमार ने पिछले दिनों एक फ्लैट भी खरीदा है. जबकि इन्होंने दूसरा फ्लैट झारखंड की राजधानी रांची में खरीदा है. जांच टीम का दावा है कि काली कमाई के जरिए अर्जित की गई चल-अचल
संपत्तियों से जुड़े और भी कई कागजात मिल सकते हैं. इस ड्रग इंस्पेक्टर की काली कमाई के सम्बंध में अभी काफी खुलासा होना बाकी है. निगरानी का सर्च ऑपरेशन इन सभी पांच ठिकानों पर शनिवार की देर रात तक जारी है. बताया जा रहा है कि जितेंद्र कुमार अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे. उनपर आरोप है कि सरकारी नौकरी करते हुए इन्होंने विभाग में जमकर भ्रष्टाचार किया. इनके खिलाफ राज्य सरकार के पास लगातार शिकायतें आ रही थी. इसके बाद ही मामला निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपा गया फिर निगरानी की एक टीम बनाकर जितेंद्र कुमार के ऊपर लगे आरोपों की जांच कराई गई. इसमें इनके खिलाफ काफी सबूत मिले हैं. काली कमाई यह का मामला सही पाया गया है. फिर निगरानी थाने में ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में दो करोड़ से अधिक की काली कमाई की प्राथमिकी दर्ज की गई.