जामताड़ा, झारखंड: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सिर्फ पर्यटन को ही बढ़ावा नहीं दे रहे हैं बल्कि कृषि और बागवानी भी उनके लिए महत्वपूर्ण है यही वजह है की हेमंत सोरेन लगातार खेती बारी को प्रोत्साहित कर रहे हैं । इनदिनों हेमंत सोरेन का पोस्ट इन दिनों चर्चा में है जिसमें हेमंत सोरेन ने री पोस्ट कर खेती और बागवानी से बढ़ते व्यपार को अपने सोशल मीडिया एकाउंट X पर डाला है । आइए जानते है जामताड़ा के कुंडहित प्रखंड के बरमसिया गांव की कहानी।
कुंडहित प्रखंड के बरमसिया गाँव में बंजर जमीनें अब समृद्धि की कहानी लिख रही हैं। बिरसा हरित ग्राम योजना और मनरेगा के तहत किसान विष्णुप्रिया मण्डल और उनके 6 साथी किसानों ने 27 एकड़ में आम की बागवानी और 1 एकड़ में गेंदा फूल की खेती शुरू की। इस पहल ने न केवल उनकी आय बढ़ाई, बल्कि गाँव में रोजगार के नए द्वार भी खोले।
बंजर जमीन से हरियाली तक का सफर
विष्णुप्रिया मण्डल ने मनरेगा के समर्थन से बरमसिया की बंजर जमीन को हरियाली में बदला। 27 एकड़ में आम्रपाली और मल्लिका जैसे आम के पेड़ लगाए गए, जो अगले कुछ वर्षों में प्रति एकड़ 50,000 रुपये तक की आय दे सकते हैं। साथ ही, 1 एकड़ में गेंदा फूल की इंटरक्रॉपिंग से तत्काल आय शुरू हो गई। त्योहारों और समारोहों में गेंदे की मांग ने किसानों को बाजार में मजबूत स्थिति दी।
गाँव में रोजगार की लहर
इस परियोजना ने बरमसिया में बदलाव की बयार ला दी। मनरेगा के तहत पौधरोपण, रखरखाव और खेती के कामों में स्थानीय महिलाओं और युवाओं को रोजगार मिला। गाँव की कई महिलाएँ अब गेंदा फूल की खेती और बिक्री में सक्रिय हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्वतंत्रता बढ़ी। विष्णुप्रिया कहती हैं, “यह सिर्फ खेती नहीं, हमारे गाँव की नई पहचान है।”
बिरसा हरित ग्राम योजना: एक गेम-चेंजर
झारखंड सरकार की बिरसा हरित ग्राम योजना बंजर जमीनों को हरियाली में बदलने का मिशन है। जामताड़ा में 1400 एकड़ पर बागवानी का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत:
किसानों को मुफ्त पौधे, खाद और तकनीकी सहायता।
5 साल तक पौधों की निगरानी और देखभाल।
BHGY मोबाइल ऐप के जरिए प्रगति पर नजर।
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि आम की अच्छी पैदावार के बावजूद किसानों को उचित दाम मिलने की चुनौती है। सरकार अब बेहतर बाजार व्यवस्था और मूल्य सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है। गेंदा फूल की खेती ने शुरुआती वर्षों में आय का अंतर भरा, जिससे किसानों का हौसला बढ़ा।
बरमसिया: प्रेरणा का नया केंद्र
बरमसिया गाँव की यह सफलता झारखंड के अन्य गाँवों के लिए प्रेरणा बन रही है। 2020-24 तक राज्य में 1.18 करोड़ पौधे लगाए गए, और बरमसिया इसका चमकता उदाहरण है। यह कहानी सिर्फ खेती की नहीं, बल्कि गाँव की एकता, मेहनत और आत्मनिर्भरता की है।