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हेमंत सरकार पर विकास कार्यों में लापरवाही का आरोप, दलमा मंदिर में ‘जजिया’ टैक्स पर भी सवाल

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर विकास कार्यों से जुड़े महत्वपूर्ण विभागों की अनदेखी करने का गंभीर आरोप लगाया है। शाहदेव ने कहा कि जल संसाधन, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य और भवन निर्माण जैसे विभागों में अभियंताओं के प्रमुख पद लंबे समय से रिक्त हैं या प्रभार पर चल रहे हैं, जिसके कारण विकास योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं।

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विकास विभागों में रिक्त पदों का मुद्दा

प्रतुल शाहदेव ने बताया कि जल संसाधन विभाग में अभियंता प्रमुख के दो पदों पर स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है और सिस्टम प्रभार पर चल रहा है। इससे बड़े टेंडरों का निष्पादन रुका हुआ है। पथ निर्माण विभाग में भी अभियंता प्रमुख का पद प्रभार पर है, जबकि भवन निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता का पद लंबे समय से रिक्त है। ग्रामीण कार्य विभाग (आरईओ) में भी पूर्णकालिक अभियंता प्रमुख की नियुक्ति नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि 5 करोड़ रुपये से अधिक के टेंडरों के लिए अभियंता प्रमुख की अध्यक्षता वाली कमेटी निर्णय लेती है, लेकिन रिक्तियों के कारण यह प्रक्रिया ठप है।

शाहदेव ने सरकार से सवाल किया, “क्या हेमंत सरकार को इन पदों के लिए योग्य अभियंता नहीं मिल रहे, या सरकार ने योग्यता का कोई नया पैमाना तय किया है, जिस पर कोई खरा नहीं उतर रहा?” उन्होंने मांग की कि सरकार जल्द से जल्द इन रिक्त पदों पर पूर्णकालिक नियुक्तियां करे ताकि विकास योजनाओं को गति मिल सके।

दलमा मंदिर में ‘जजिया’ टैक्स पर विवाद

प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार पर दलमा पहाड़ स्थित प्राचीन भोले बाबा मंदिर में सावन मास के दौरान श्रद्धालुओं पर ‘जजिया’ टैक्स लगाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि सरकार ने पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं पर भी शुल्क लगाया है, जिसका विधिवत नोटिस जारी किया गया है। नोटिस में स्पष्ट है कि यह शुल्क सावन मास को ध्यान में रखकर लगाया गया है। डीएफओ सबा आलम ने इसे उचित ठहराया है, लेकिन शाहदेव ने इसे सरकार की तुष्टिकरण नीति का हिस्सा बताया।

उन्होंने कहा कि दलमा का शिव मंदिर झारखंड, बिहार, बंगाल और ओडिशा के लाखों श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र है। सावन में हजारों फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में पैदल पहुंचने वाले भक्तों पर टैक्स लगाना गलत है। शाहदेव ने सरकार से इस ‘तुगलकी फरमान’ को तुरंत वापस लेने की मांग की और चेतावनी दी कि ऐसा न होने पर सनातनी सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार पर विकास के दावों और जमीनी हकीकत में अंतर होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकताएं स्पष्ट नहीं हैं। उन्होंने मांग की कि रिक्त पदों को भरने और दलमा मंदिर में लगाए गए टैक्स को हटाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

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