HIGH COURT : हेमंत सोरेन के माइनिंग लीज और जमीन आवंटन मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी फैसला सुरक्षित
HIGH COURT : अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता सुनील महतो की ओर से झारखंड हाईकोर्ट में खान विभाग के मंत्री रहते हेमंत सोरेन द्वारा पत्नी कल्पना सोरेन और साली सरला मुर्मू के फर्म को माइनिंग लीज आवंटित करने को लेकर याचिका दायर की गई थी। इस मामले में सुनवाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षतावाली खंडपीठ में हुई। खंडपीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा है।
याचिकाकर्ता को मिला निर्देश
हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता सुनील महतो को निर्देश दिया है कि इसी माइनिंग लीज से जुड़े पूर्व में शिव शंकर शर्मा के मामले से आपका मामला कैसे अलग है, इस पर अगर आप अपनी बात रखना चाहते हैं तो रख सकते हैं। इससे संबंधित जवाब लिखित रूप में देने को कहा है। हाईकोर्ट ने कहा है कि आप अपना जवाब तीन दिन में दायर कर सकते हैं।
सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ
आज हुई सुनवाई के दौरान वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन का पक्ष महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने रखा। उन्होंने अदालत को बताया कि सीएम हेमंत सोरेन पर माइनिंग लीज से संबंधित पूर्व में भी याचिका शिव शंकर शर्मा की ओर से दायर की गई थी। उनकी ओर से दायर दो जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। ऐसे में समान केस होने की वजह से सुनील महतो की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया जाए। इस याचिका में कुछ नया नहीं है।
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इसके जवाब में वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार एवं विशाल कुमार ने बताया कि शिव शंकर शर्मा के मामले में केवल सीएम हेमंत सोरेन के माइंस लीज का मामला था, लेकिन इस मामले सीएम के माइनिंग लीज के अलावा उनकी पत्नी और साली को इंडस्ट्रियल एरिया में जमीन देने का
सुनील महतो की याचिका में क्या?
अधिवक्ता और आरटीआई कार्यकर्ता सुनील महतो की ओर से जो याचिका दायर की गई है उसमें अदालत को बताया है कि वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन जब खान मंत्री थे तब उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रांची के अनगड़ा में अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और साली सरला मुर्मू के फार्म को भी माइनिंग लीज आवंटित किया है। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि इन तमाम बातों की जानकारी संबंधित प्राधिकार को भी दी थी पर उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद उन्होंने अदालत का रूख किया है।