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हजारीबाग में मुहर्रम जुलूस के दौरान भीषण हादसा: आग से 15 लोग झुलसे, प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

हजारीबाग में मुहर्रम जुलूस के दौरान भीषण हादसा: आग से 15 लोग झुलसे, प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

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हजारीबाग, झारखंड के हजारीबाग जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के तुरांव-पौता गांव में मुहर्रम जुलूस के दौरान एक दुखद और भयावह हादसा हुआ। परंपरागत कला प्रदर्शन के दौरान आग अनियंत्रित हो गई, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 15 लोग बुरी तरह झुलस गए। इस हादसे ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया, बल्कि जिला प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा उपायों पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

हादसे का विवरण
जानकारी के अनुसार, मुहर्रम के जुलूस के दौरान तुरांव-पौता गांव में परंपरागत आग्नेय प्रदर्शन (आग के साथ करतब) का आयोजन किया जा रहा था। यह प्रदर्शन स्थानीय अखाड़ा समूहों द्वारा किया जाता है, जिसमें आग के साथ कलाबाजी दिखाई जाती है। प्रदर्शन के दौरान डीजल डालते समय आग अचानक विकराल रूप ले गई, जिससे स्थिति पूरी तरह अनियंत्रित हो गई। आग की लपटों ने जुलूस में शामिल कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।

हादसे के तुरंत बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग पहुंचाया। गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों की हालत को देखते हुए उन्हें रांची के रिम्स (रांची इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) रेफर किया गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार, घायलों में से कई की हालत नाजुक बनी हुई है, और चिकित्सक उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही मुफस्सिल थाना पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। पुलिस ने शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का भी दौरा किया, जहां उन्होंने घायलों से मुलाकात की और घटना के कारणों की विस्तृत जानकारी जुटाई। जिला प्रशासन ने अस्पताल प्रबंधन को सभी घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए हैं। साथ ही, प्रशासन ने इस हादसे की जांच शुरू कर दी है ताकि इसके कारणों और जिम्मेदारियों का पता लगाया जा सके।

हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आग्नेय प्रदर्शन के दौरान डीजल के उपयोग ने आग को भड़काने में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”

प्रशासन के आदेश की अवहेलना
इस हादसे ने जिला प्रशासन की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। महत्वपूर्ण रूप से, जिला प्रशासन ने पहले ही आदेश जारी किया था कि मुहर्रम जुलूस के दौरान आग के साथ कोई भी अखाड़ा प्रदर्शन या करतब नहीं दिखाया जाएगा। इस आदेश के बावजूद, अखाड़ा समूहों ने आग के साथ खतरनाक प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप यह हादसा हुआ। स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर इस बात को लेकर गुस्सा देखा जा रहा है कि प्रशासन ने अपने आदेश का पालन क्यों नहीं करवाया।

पिछले हादसों से सबक न लेने का आरोप

यह पहला मौका नहीं है जब धार्मिक जुलूस के दौरान इस तरह के हादसे हुए हैं। हाल के वर्षों में बिहार और झारखंड में मुहर्रम और अन्य जुलूसों के दौरान बिजली के तारों या आग से संबंधित हादसे सामने आए हैं। उदाहरण के लिए, बिहार के दरभंगा जिले में 5 जुलाई 2025 को मुहर्रम जुलूस के दौरान हाईटेंशन तार के संपर्क में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 24 लोग घायल हो गए थे। इसी तरह, रोहतास जिले में भी 27 जून 2025 को मुहर्रम जुलूस में हाई वोल्टेज तार की चपेट में आने से 12 लोग झुलस गए थे।

गौरतलब है की इन घटनाओं ने प्रशासन की तैयारियों और सुरक्षा मानकों की कमी को बार-बार उजागर किया है।  वैसे जिला प्रशासन ने इस हादसे के बाद भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने का वादा किया है। हजारीबाग के उपायुक्त ने कहा, “हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में जुलूसों के दौरान सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन हो।

 

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