पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करने विदेश दौरे पर जाएंगे भारतीय सांसद
भारत सरकार ने पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन और झूठे प्रचार को वैश्विक मंच पर उजागर करने के लिए एक बड़ा कूटनीतिक अभियान शुरू किया है। इसके तहत, विभिन्न राजनीतिक दलों के करीब 30 सांसदों का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 22 या 23 मई से 10 दिनों के विदेश दौरे पर रवाना होगा। यह प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), जापान, सऊदी अरब, और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का दौरा करेगा।
यह कदम पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले और इसके जवाब में भारत द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद उठाया गया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारतीय शहरों पर ड्रोन हमले की कोशिश की, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया। अब भारत इस सैन्य कार्रवाई और पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को दुनिया के सामने लाने के लिए कूटनीतिक रणनीति अपना रहा है।
प्रतिनिधिमंडल में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, जद (यू), बीजद, शिवसेना (यूबीटी), और एआईएमआईएम जैसे दलों के सांसद शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के शशि थरूर, सलमान खुर्शीद, मनीष तिवारी, भाजपा के रविशंकर प्रसाद, जद (यू) के संजय झा, और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी जैसे वरिष्ठ नेता इस अभियान का हिस्सा हो सकते हैं। प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में 5-6 सांसद होंगे, जिनका नेतृत्व वरिष्ठ सांसद या पूर्व केंद्रीय मंत्री करेंगे।
विदेश मंत्रालय सांसदों को विशेष ब्रीफिंग देगा, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान के आतंकी समर्थन के सबूत, और भारत के पक्ष को प्रभावी ढंग से पेश करने की रणनीति शामिल होगी। सांसद विदेशी सरकारों, संगठनों, और मीडिया से मुलाकात कर पाकिस्तान के झूठे नैरेटिव को तथ्यों के साथ चुनौती देंगे।
शुरुआत में कुछ विपक्षी दलों ने सरकार के रुख पर सवाल उठाए थे, लेकिन अब कांग्रेस सहित सभी प्रमुख दलों ने राष्ट्रीय हित में इस अभियान का समर्थन किया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर कांग्रेस हमेशा देश के साथ खड़ी है।
पाकिस्तान ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई झूठे दावे किए हैं, जिसमें वह खुद को आतंकवाद का शिकार बताने की कोशिश कर रहा है। भारत का उद्देश्य इन दावों को खारिज कर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह दिखाना है कि पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को संरक्षण देता है। इस अभियान को एक साझा राष्ट्रीय प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जो वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।