20250525 162431

OIC में पाकिस्तान को बड़ा झटका, भारत की कूटनीतिक जीत, मुस्लिम देशों का मिला साथ

OIC में पाकिस्तान को बड़ा झटका, भारत की कूटनीतिक जीत, मुस्लिम देशों का मिला साथ

संपादक की कलम से 

रांची / जकार्ता, इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की हालिया जकार्ता बैठक में भारत ने एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है, जब इंडोनेशिया, मिस्र और बहरीन जैसे प्रमुख मुस्लिम देशों ने पाकिस्तान के भारत-विरोधी प्रस्ताव को खारिज कर दिया। पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ मानवाधिकार उल्लंघन और नीतियों की निंदा का प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन इन देशों के समर्थन ने भारत की वैश्विक मंच पर बढ़ती ताकत को रेखांकित किया।
भारत को मिला मुस्लिम देशों का समर्थन
OIC, जिसमें 57 मुस्लिम-बहुल देश शामिल हैं, लंबे समय से पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण मंच रहा है। हालांकि, इस बार इंडोनेशिया, मिस्र और बहरीन ने भारत के साथ अपने मजबूत आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को प्राथमिकता दी। इन देशों ने पाकिस्तान के प्रस्ताव को रोककर यह संदेश दिया कि वे भारत के साथ सहयोग को और मजबूत करना चाहते हैं। भारत और इंडोनेशिया के बीच रक्षा और समुद्री सहयोग, मिस्र के साथ बढ़ता व्यापार, और बहरीन के साथ आर्थिक साझेदारी इस समर्थन के प्रमुख कारण हैं।
भारत के लिए कूटनीतिक और रणनीतिक लाभ
वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति: OIC जैसे मंच पर, जो पारंपरिक रूप से पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है, भारत को समर्थन मिलना एक ऐतिहासिक बदलाव है। यह भारत की सक्रिय और प्रभावी कूटनीति का परिणाम है।
आर्थिक और रक्षा सहयोग में वृद्धि: भारत के इन मुस्लिम देशों के साथ बढ़ते व्यापार और रक्षा संबंधों ने वैश्विक मंचों पर समर्थन हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह भारत की आर्थिक और सामरिक ताकत को और बढ़ाएगा।
पाकिस्तान का कूटनीतिक अलगाव: पाकिस्तान का प्रस्ताव खारिज होने से उसका OIC के भीतर प्रभाव कम हुआ है। सऊदी अरब जैसे देशों का तटस्थ रुख और तुर्की-अजरबैजान जैसे समर्थकों पर भारत के आर्थिक बहिष्कार का दबाव पाकिस्तान को और कमजोर कर रहा है।
आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत
नीति: भारत की “ऑपरेशन सिंदूर” और “जीरो टॉलरेंस” नीति ने वैश्विक समुदाय को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेलिंग को बर्दाश्त नहीं करेगा।
पाकिस्तान को बड़ा झटका
पाकिस्तान की यह असफलता उसकी लंबे समय से चली आ रही रणनीति के लिए करारा झटका है, जिसमें वह कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाकर भारत को घेरने की कोशिश करता रहा है। हाल ही में भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले ने भी पाकिस्तान को आर्थिक और कूटनीतिक रूप से कमजोर किया है। OIC में इस हार ने पाकिस्तान के घटते प्रभाव को और उजागर किया है।
भारत का दृढ़ रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में स्पष्ट किया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा और किसी भी तरह की ब्लैकमेलिंग को स्वीकार नहीं करेगा। भारत ने OIC के पिछले बयानों, जैसे कि पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल, 2025) पर पाकिस्तान के इशारे पर जारी “बेतुके” बयान की भी कड़ी आलोचना की थी।
जाहिर है यह कूटनीतिक जीत भारत को OIC के अन्य सदस्य देशों के साथ संबंधों को और गहरा करने का अवसर प्रदान करती है। भारत की सक्रिय कूटनीति, बढ़ता आर्थिक प्रभाव और रक्षा सहयोग वैश्विक मंचों पर उसकी स्थिति को और मजबूत करेंगे। दूसरी ओर, पाकिस्तान को अपनी असफल कूटनीति और आतंकवाद समर्थन के परिणाम भुगतने पड़ रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via