कानपुर के युवराज गुप्ता ने रचा इतिहास: नासा की वेबसाइट को साइबर हमले से बचाकर बढ़ाया भारत का मान
कानपुर के युवराज गुप्ता ने रचा इतिहास: नासा की वेबसाइट को साइबर हमले से बचाकर बढ़ाया भारत का मान
रांची ,कानपुर, कानपुर के 14 वर्षीय साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ और एथिकल हैकर युवराज गुप्ता, जिन्हें डिजिटल दुनिया में “साइबर सिकंदर” के नाम से जाना जाता है, ने नासा की वेबसाइट को एक गंभीर साइबर हमले से बचाकर इतिहास रच दिया। सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, दामोदर नगर में कक्षा 11 के इस छात्र ने अपनी असाधारण तकनीकी कुशलता से नासा की वेबसाइट में एक ऐसी खामी (बग) का पता लगाया, जिसके जरिए हैकर्स फर्जी ईमेल्स का उपयोग करके संवेदनशील जानकारी चुरा सकते थे।
युवराज ने इस गंभीर तकनीकी कमजोरी की जानकारी तुरंत नासा के साइबर सिक्योरिटी डिपार्टमेंट को दी, जिसके बाद नासा ने इस खामी को ठीक किया। उनकी इस उपलब्धि के लिए नासा ने उन्हें अपने प्रतिष्ठित ‘हॉल ऑफ फेम’ में शामिल किया और एक प्रशस्ति पत्र (सर्टिफिकेट ऑफ अप्रीसिएशन) से सम्मानित किया। यह सम्मान उन चुनिंदा व्यक्तियों को दिया जाता है, जो नासा के सिस्टम की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
वैश्विक मंच पर भारत का परचम
इस बग को ठीक करने की दौड़ में दुनियाभर के साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ शामिल थे, लेकिन युवराज की तेजी और तकनीकी विशेषज्ञता ने उन्हें सबसे आगे रखा। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल भारत का नाम रोशन किया, बल्कि यह भी साबित किया कि छोटे शहरों से निकलकर भी वैश्विक स्तर पर प्रभाव डाला जा सकता है।
युवराज की पृष्टभूमि और प्रेरणा
कानपुर के मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले युवराज ने साइबर सिक्योरिटी का ज्ञान स्वयं अर्जित किया। बचपन से ही तकनीक और हैकिंग में उनकी गहरी रुचि थी, जिसे उन्होंने एथिकल हैकिंग के रूप में सकारात्मक दिशा दी। युवराज पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साइबर सिक्योरिटी से संबंधित पुरस्कार जीत चुके हैं। उनका कहना है, “मैं तकनीक के जरिए समाज और देश की सेवा करना चाहता हूँ।”
साइबर सिक्योरिटी में भारत की ताकत
नासा जैसी विश्व की सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्था की वेबसाइट को सुरक्षित करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। युवराज की इस उपलब्धि ने भारत की साइबर सिक्योरिटी क्षमता को वैश्विक मंच पर उजागर किया। यह घटना छोटे शहरों के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि मेहनत, लगन और सही दिशा में प्रयास से वे भी
वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं।
डिजिटल दुनिया में बढ़ता साइबर सिक्योरिटी का महत्व
युवराज की इस उपलब्धि ने साइबर सिक्योरिटी के बढ़ते महत्व को भी रेखांकित किया है, खासकर तब जब डिजिटल दुनिया में डेटा चोरी और साइबर हमले लगातार बढ़ रहे हैं। उनकी इस सफलता ने न केवल कानपुर और भारत का गौरव बढ़ाया, बल्कि यह भी साबित किया कि प्रतिभा किसी स्थान या संसाधन की मोहताज नहीं होती।
जाहिर है नासा के ‘हॉल ऑफ फेम’ में युवराज का नाम शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि उनकी प्रतिभा और योगदान को वैश्विक स्तर पर सराहा गया है। यह उपलब्धि न केवल युवराज के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।