सांसदों का प्रतिनिधिमंडल आज से विदेश दौरे पर, ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद पर रखेगा भारत का पक्ष
भारत सरकार ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को वैश्विक मंच पर उजागर करने के लिए सांसदों के सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों को विदेश भेजने का फैसला किया है। आज, 21 मई से ये प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों की यात्रा पर रवाना होंगे। इस कूटनीतिक अभियान का उद्देश्य दुनिया को भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति और पहलगाम हमले के जवाब में किए गए ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देना है।
पहला प्रतिनिधिमंडल शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में आज संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), लाइबेरिया, कांगो और सिएरा लियोन के लिए रवाना होगा। इस दल में बांसुरी स्वराज (बीजेपी), ई.टी. मोहम्मद बशीर, अतुल गर्ग, समीत पाठक, सुमन कुमारी मिश्रा, एस.एस. अहलूवालिया और राजदूत सुजान चिनॉय शामिल हैं। वहीं, जदयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में दूसरा प्रतिनिधिमंडल जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर की यात्रा करेगा, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी भी शामिल हैं। डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में तीसरा दल 22 मई को रूस के लिए रवाना होगा।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने 20 मई को संसद भवन में इन तीन प्रतिनिधिमंडलों को ब्रीफ किया, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर की बारीकियों पर चर्चा की गई। शेष चार प्रतिनिधिमंडल, जिनका नेतृत्व शशि थरूर (कांग्रेस), रविशंकर प्रसाद (बीजेपी), बैजयंत पांडा (बीजेपी) और सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) करेंगे, 23 से 25 मई के बीच अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, कतर, मिस्र और अन्य देशों की यात्रा करेंगे। इनमें असदुद्दीन ओवैसी, मनीष तिवारी, अनुराग ठाकुर, प्रियंका चतुर्वेदी और सलमान खुर्शीद जैसे प्रमुख नेता शामिल हैं।
कुल 51 नेता, जिनमें सांसद, पूर्व मंत्री और आठ पूर्व राजदूत शामिल हैं, 32 देशों और यूरोपीय संघ के मुख्यालय (ब्रुसेल्स) की यात्रा करेंगे। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू इस 10-दिवसीय मिशन का समन्वय कर रहे हैं। यह कदम भारत की ओर से पाकिस्तान के आतंकवादी गतिविधियों को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करने और भारत के कठोर रुख को स्पष्ट करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कांग्रेस ने इस अभियान में शामिल होने की सहमति दी है, हालांकि उसने सांसदों के चयन में पार्टी नेतृत्व के साथ समन्वय की कमी पर आपत्ति जताई। टीएमसी ने भी यूसुफ पठान के स्थान पर अभिषेक बनर्जी को शामिल करने का फैसला किया।