झारखंड: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 172 खास समुदाय की गैर-निवासी महिलाओं के खाते में गए पहली किश्त , FIR दर्ज
झारखंड: मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 172 खास समुदाय की गैर-निवासी महिलाओं के खाते में गए पहली किश्त , FIR दर्ज
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जमशेदपुर,: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ में घाटशिला अनुमंडल के गालूडीह थाना क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। हेंदलजुड़ी पंचायत के छोलगोड़ा गांव में 172 मुस्लिम महिलाओं ने फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ उठाया, जबकि जांच में पता चला कि ये महिलाएं झारखंड की निवासी ही नहीं हैं।
जांच के अनुसार, इनमें बिहार के किशनगंज जिले के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र की 40 और पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के चोपड़ा थाना क्षेत्र की 132 महिलाएं शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि हेंदलजुड़ी पंचायत के आठ गांवों में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है, फिर भी छोलगोड़ा गांव की इन 172 महिलाओं के नाम न केवल योजना की स्वीकृत सूची में शामिल किए गए, बल्कि उनके बैंक खातों में पहली किस्त भी भेज दी गई।
फर्जीवाड़े का दायरा और जांच
जांच में यह भी सामने आया कि इन फर्जी लाभुकों ने झारखंड के सात अन्य जिलों में भी इस योजना के तहत गलत तरीके से राशि निकाली है। ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग ने बताया कि इस मामले में 172 महिलाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही, मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जो इस फर्जीवाड़े के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करेगा।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
प्रारंभिक जांच में पता चला कि फर्जी दस्तावेजों और गलत पहचान पत्रों के जरिए इन महिलाओं को योजना का लाभ दिया गया। स्थानीय स्तर पर कुछ लोगों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है, जिसकी जांच एसआईटी कर रही है। इस घोटाले ने प्रशासनिक व्यवस्था और योजना के कार्यान्वयन पर सवाल खड़े किए हैं।
प्रशासन का कड़ा रुख
ग्रामीण एसपी ने कहा, “योजना का गलत तरीके से लाभ उठाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच दल पूरे मामले की तह तक जाएगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों में योजना की लाभार्थी सूची की दोबारा जांच के आदेश दिए हैं।
योजना का उद्देश्य
गौरतलब है की ‘मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना’ का उद्देश्य झारखंड की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस तरह के फर्जीवाड़े से न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा है, बल्कि जरूरतमंद महिलाओं के हक पर भी डाका डाला गया है।









