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झारखंड की धरोहर रामरेखा धाम को मिला राजकीय सम्मान: सिमडेगा में प्रथम राजकीय रामरेखा महोत्सव का भव्य आगाज

सिमडेगा : झारखंड के सिमडेगा जिले में स्थित प्राचीन रामरेखा धाम को अब राज्य की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के रूप में आधिकारिक मान्यता मिली है। मंगलवार की देर शाम श्रीरामरेखा धाम में प्रथम राजकीय रामरेखा महोत्सव का धूमधाम से शुभारंभ हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन में हजारों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जो भगवान राम के वनवास काल से जुड़े इस पावन स्थल की महिमा को साकार करती नजर आई।

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धाम के अध्यक्ष अखंड दास जी महाराज, सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा, कोल्हेबिरा विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी, उपायुक्त कंचन सिंह, पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी तथा उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। अतिथियों का पारंपरिक स्वागत शॉल, मोमेंटो और सम्मान सभा के माध्यम से किया गया, साथ ही विशेष पुस्तिका का विमोचन भी सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत छऊ नृत्य दल (सरायकेला) की मनमोहक प्रस्तुति से हुई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद स्थानीय नागपुरी कलाकारों के लोकनृत्यों ने सांस्कृतिक विविधता का अनुपम प्रदर्शन किया। देर शाम इंडियन आइडल फेम शालिनी दुबे और पूजा चटर्जी ने भक्ति गीतों की सुरीली प्रस्तुति दी, जिससे पूरा धाम भक्ति रस में सराबोर हो गया। उद्घाटन में पूर्व सांसद सुदर्शन भगत, पूर्व विधायक, पूर्व उपायुक्त श्री विजय कुमार सिंह, डीएसपी रणवीर सिंह, एसडीपीओ बैजू उरांव सहित जिले के सभी पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

सिमडेगा से मात्र 26 किलोमीटर दूर स्थित रामरेखा धाम त्रेतायुग से जुड़ा एक पवित्र तीर्थस्थल है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान माता सीता और भ्राता लक्ष्मण के साथ यहां चरण पड़े थे। धाम में अग्निकुंड, चरण पादुका, सीता चूल्हा और गुप्त गंगा जैसी पुरातात्विक संरचनाएं मौजूद हैं, जो रामायण काल की साक्षी हैं। भारत सरकार द्वारा अधिसूचित 232 प्रमुख तीर्थस्थलों में शामिल यह धाम सदियों से भक्तों की आस्था का केंद्र रहा है। हर वर्ष कार्तिक और माघ पूर्णिमा पर यहां विशाल मेले लगते हैं, जहां ओडिशा, छत्तीसगढ़, बिहार और बंगाल से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं।

उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने रामरेखा धाम को राज्य की धरोहर बताते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला। विधायक भूषण बाड़ा ने कहा, “रामरेखा धाम को राजकीय महोत्सव का दर्जा देकर सरकार ने जनभावनाओं का सम्मान किया है। यह कदम धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करेगा। यह भूमि भाईचारे, सद्भावना और एकता का प्रतीक है, जो अब पूरे देश-राज्य में सिमडेगा की धरोहर के रूप में चमकेगी।”

कोल्हेबिरा विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने इसे सिमडेगा के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बताया। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार के प्रयास से रामरेखा धाम अब देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार हो गया है। इससे स्थानीय रोजगार और अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। भगवान राम ने सिमडेगा की वनवासी धरती पर चरण रखकर आदिवासियों को गौरवान्वित किया। त्याग और सेवा ही सच्ची पूजा है, और प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई श्रद्धालु असुविधा न महसूस करे।”

उपायुक्त कंचन सिंह ने भगवान राम के गुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “भगवान राम के सिमडेगा में चरण स्पर्श उनके पिता की आज्ञा पालन, ज्ञान, प्रेम, दया और करुणा का प्रतीक है। रामराज्य की कल्पना समता, समरसता और भेदभाव उन्मूलन पर आधारित है। आज के दौर में राम के त्याग, तपस्या और करुणा के गुणों का अनुकरण आवश्यक है। धाम महंत ने संस्कृत श्लोकों के माध्यम से भगवान राम की महिमा का गुणगान किया

पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने भगवान राम के साथ माता जानकी, लक्ष्मण, हनुमान, वानर सेना और सबरी के राम प्रेम का जिक्र करते हुए एकता का संदेश दिया।

महोत्सव का दूसरा दिन (बुधवार) भी उत्साहपूर्ण रहेगा। हास्य कवि रविंद्र जोनी, नागपुरी कलाकार जगदीश बड़ाईक और भजन गायिका शहनाज अख्तर अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे। जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया।

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