झारखण्ड विधानसभा का चौथा दिन भी हो हंगामे और ड्रामे से रहा भरपूर , JPSE के मामले पर चढ़ता रहा विधानसभा का पारा !
झारखंड के विधानसभा के शीतकालीन सत्र में चौथे दिन भी विपक्ष का झारखण्ड पब्लिक सर्विस कमिसन और भाषा विवाद को लेकर विपक्ष का हंगामा जारी रहा. विपक्ष के विधायक और नेता मुख्यमंत्री सोरेन हाय – हाय जैसे नारे लगते रहे।विपक्ष के नेता और विधायक सभी एक सुर में झारखण्ड पब्लिक सर्विस कमिसन परीक्षा की सीबीआई से जांच कराने की मांग लगातार कर रहे हैं. विपक्ष के नेताओ का कहना है कि झारखंड के अधिकतर जिलों में लाखों लोग अंगिका, भोजपुरी, मगही और हिंदी बसी हैं. लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोची समझी हुई साजिश के तहत इन भाषाओं के विद्यार्थियों को उनके मौलिक अधिकार से पीछे धकेलने का कार्य कर रही है.
विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता और विधायक वेल में उतार आए और आकर खूब जोर सोर से हंगामा करने लगे. स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो के बार बार समझने के बावजूद भी इसके विपक्ष के नेताओ का हंगामा जारी रहा. रबीन्द्रनाथ महतो ने कहा कि जिस विषय को लेकर विधायक और नेता वेल में उतरे हैं उस पर सोमवार को ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाब दे दिया है. ऐसे में हो हंगामा करके सदन की करवाई को बाधित करना उचित नहीं है. आगे बढ़ते हुए स्पीकर महोदय ने कहा कि हंगामे के कारण ही कई विधायकों के प्रश्न पटल पर आ ही नहीं आ रहे है जिससे की सदन की करवाई की मूल भावना का हनन हो रहा है. स्पीकर महोदय ने आगे बढ़ते हुए ये भी कहा है कि सदन जनता की समस्याओं के समाधान का सर्वोच्च पंचायत है, और अगर जब सदन में ही जनता के सवाल नहीं आएंगे तो इसका मूल औचित्य ही नहीं बचेगा.