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JPSC :- जीपीएस से नियुक्ति नियमावली में बदलाव एक्सपर्ट की राय बिहार छत्तीसगढ़ के पैटर्न को लाये तो नहीं होगा विवाद

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Prerna  Chourasia

Drishti  Now , Ranchi

झारखंड लोक सेवा आयोग झारखंड सहयोग सिविल सेवा प्रतियोगिता परीक्षण नियमावली 2021 में संशोधन करने जा रहा है| वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिवालय सचिव l96 की अध्यक्षता में गठित 3 सदस्य कमेटी में विभाग के प्रधान सचिव कुमार अजय कुमार सिंह तथा कार्मिक सचिव वंदना दादर सदस्य बनाए गए हैं |यह कमिटी झारखंड लोक सेवा आयोग से आए प्रस्ताव की समीक्षा कर उस पर निर्णय लेते हुए नजर राज्य सरकार को अपनी अनुशंसा करेगी इस नियमावली में बदलाव को लेकर आयोग की ओर से कार्मिक का प्रस्ताव दिया गया था जिसके बाद कमेटी गठित की गई है|

क्या है विशेषज्ञ की राय

जीपीएससी सहित राज्य के अन्य नियुक्ति परीक्षाओं पर लंबे समय से नजर रखने वाले एक्सपर्ट और शिक्षक डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने कहा है कि जेपीसी की ओर से ली गई तमाम सिविल सेवा परीक्षा में विवादों में रही है| सरकार अब जब नियुक्ति नियमावली में संशोधन कर रही है तो  तमाम संशोधन के साथ ही 3 संशोधन को उसमें शामिल करें इससे उम्मीदवारों का भरोसा भी बढ़ेगा और नियुक्तियों के विवादों में आने की संभावनाएं भी कम रहेगी |

विवाद ना हो इसलिए बदलाव जरूरी

हेमंत सोरेन की सरकार में जेपीएससी नियुक्ति नियमावली बनी थी जिसके बाद सातवीं से दसवीं सिविल सेवा परीक्षा ली गई इसके बाद एक बार फिर बदलाव होंगे सूत्रों की माने तो नियुक्ति में किसी तरह का विवाद ना हो इसीलिए यह बवाल किया जा रहा है |इसीलिए यह बदलाव किया जा रहा है विभागीय सूत्रों के मुताबिक जब तक अंतिम संशोधन नहीं हो जाता है तब तक नई नियुक्ति परीक्षा नहीं ली जाएगी |

लैंग्वेज लिटरेचर पेपर को बनाए क्वालीफाइंग 

जेपीएससी के मुख्य परीक्षा का पेपर दो  15 विभिन्न भाषाओं में से एक चुनने  का होता है |इस पेपर में रीजनल एवं ट्राइबल लैंग्वेज भी है इस पेपर में क्षेत्रीय भाषा साहित्य का हिस्सा अंतिम रूप से चयनित करने में अहम भूमिका निभाता है| अक्सर देखने को मिलता है कि सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए उम्मीदवार नागपुरी खोरठा जैसे विषय लेते हैं| पिछली परीक्षाओं के परिणाम में बात आई है कि इन विषयों को रख  कर ज्यादा उम्मीदवार पास हुए हैं |निश्चित रूप से भाषा साहित्य के इस पेपर में एकरूपता नहीं रहती है भाषा का उत्थान भी हो सकता है, और सफलता की सूची में सभी जनजातीय क्षेत्रीय भाषा साहित्य में एकरूपता रहे इसलिए इस पेपर को क्वालीफाइंग कर दिया जाए और इसके अंक  को मेरिट लिस्ट में ना जोड़ा जाए बीपीएससी ने अपना हालिया विज्ञापन में ऑप्शनल विषय को क्वालीफाइंग कर दिया है सवाल ऑब्जेक्टिव में इस में नेगेटिव मार्किंग भी रहेगी यही व्यवस्था जेपीएससी में लागू कर दें जेपीएससी में लागू कर देने से जनजातीय क्षेत्रीय भाषा साहित्य की गरिमा और बढ़ेगी|

उम्र सीमा को 5 साल बढ़ाई जाए

जेपीएससी को बने 20 साल से अधिक जरूर हो गए हैं पर नियमित परीक्षा नहीं हो सकी है ऐसे में उम्मीदवारों की उम्र में अंतर आया है क्योंकि बिहार से सिविल सेवा परीक्षा नियमावली को लिया गया है वहां सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों को 40 वर्ष उम्र सीमा दी गई है जेपीसी में भी परीक्षा के अंतर को देखते हुए सभी श्रेणी के लिए उम्र सीमा 5 साल बढ़ाने पर विचार करना चाहिए इससे वैसे सभी उम्मीदवारों को लाभ मिल जाएगा जो उम्र सीमा की वजह से बाहर हो जा रहे हैं|

आवेदन में छत्तीसगढ़ के पैटर्न को करें लागू

छत्तीसगढ़ में ऐसी प्रक्रिया है कि वहां सिविल सेवा परीक्षा हो या कर्मचारी चयन आयोग से होने वाली परीक्षा आवेदक कवर के एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज में रजिस्टर्ड होना जरूरी होता है यही प्रक्रिया झारखंड में लागू कर दी जाए तो बाहरी उम्मीदवारों की परेशानी ही समाप्त हो जाएगी |

ऐसा है मुख्य परीक्षा का सिलेबस

*उम्मीदवारों का चयन 950 मुख्य परीक्षा पर किया जाता है इससे पहले पेपर जनरल हिंदी अंग्रेजी दूसरा पेपर लैंग्वेज लिटरेचर पेपर जीएस का होता है|

*पहला पेपर जनरल हिंदी और अंग्रेजी का होता है यह 100 अंको का होता है यह पेपर क्वालीफाइंग है इस पेपर में पास होने के लिए 30 अंक लाने होते हैं|

*दूसरा पेपर लैंग्वेज लिटरेचर का होता है यह 150 अंक का होता है इसमें 15 विभिन्न भाषाओं में से चुना जाता है|

*चार जीएस पेपर होते हैं सभी पेपर 200 200 अंक के होते हैं मेरिट लिस्ट दूसरा पेपर है, और चार  जीएस  पेपर के अंक को जोड़कर निकाला जाता है इस तरह से कुल अंक 950 होता है जिस पर उम्मीदवारों का चयन होता है|

*इसके अलावा 100 अंको का  साक्षात्कार होता है|

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