हाई कोर्ट में शेल कंपनी और खनन लीज मामले में फैसला सुरक्षित ( judgment reserved) शुक्रवार को फैसला
मुकेश कुमार
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झारखण्ड हाई कोर्ट में आज एक अहम् ममम्ले की सुनवाई हुई। हेमंत सोरेन के शेल कंपनी और खनन लीज मामले में जनहित मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस डा रविरंजन और जस्टिस सुजित नारायण प्रसाद की बेंच में हुई. हेमंत सोरेन की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा. वहीं याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने अपना पक्ष रखा. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित( judgment reserved)रख लिया है. तीन जून को मेंटेनबिलिटी पर फ़ैसला आएगा. याचिका से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के कई जजमेंट को पढ़ा गया. वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने झारखंड हाईकोर्ट में रूल 4A, 4B की दलील पेश की. कपिल सिब्बल ने याचिका को तथ्यविहीन कहा.
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता की क्रेडिबिलिटी को हाईकोर्ट देखे, याचिका हाईकोर्ट रूल के हिसाब से तार्किक नहीं है कपिल सिब्बल ने झारखंड हाईकोर्ट रुल 4A, 4B के तहत दलील देते हुए याचिका को तथ्यविहीन करार दिया. उन्होंने कहा कि 2013 में दायर दीवान इंद्रनील सिन्हा की याचिका को कोर्ट से रद्द किया गया था. इसे ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट को इस याचिकाकर्ता की विश्वसनीयता को देखना चाहिए. अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका निरस्त करने के पक्ष में याचिका कर्ता के वकील राजीव कुमार के एक साक्षात्कार को भी प्रमुखता से उठाया. इसके साथ ही हाईकोर्ट रुल 4A, 4B और 5 के तहत याचिका को मेंटेंनबिलिटी नहीं होना बताया. इसके जवाब में अदालत ने कहा कि अगर सब कुछ मीडिया और बाहर ही तय हो रहा है तो हम क्यू बैठे हैं. गौरतलब है इसके बाद पूरी झारखण्ड की निगाहे शुक्रवार को कोर्ट के फैसले पर टिकी है।





