Land Scam:-जमीन घोटाले मामले में पूछताछ के लिए ईडी ने मांगी थी रिमांड, कोर्ट ने भेजा जेल
Land Scam
प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार रात आर्मी लैंड स्कैम मामले में व्यवसायी अमित अग्रवाल और जगतबंधु टी-एस्टेट के मालिक दिलीप घोष को रांची से हिरासत में लिया. गिरफ्तारी के बाद दोनों को आज ईडी की विशेष अदालत में पेश किया गया। ईडी ने जस्टिस दिनेश राय की अदालत में हुई सुनवाई में दोनों से पूछताछ के लिए 10 दिन की रिमांड मांगी थी। दोनों को अदालत से जेल की सजा मिली। गिरफ्तारी से पहले ईडी के अधिकारियों ने अमित अग्रवाल से पूछताछ की थी।
लैंड स्कैम में कई जा चुके जेल
आर्मी लैंड स्कैम मामले में 13 अप्रैल को छापेमारी की गयी। जिसके बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उनसे लगभग 12 दिन पूछताछ की गयी। उसके बाद बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन का फर्जी विक्रेता प्रदीप बागची सहित कुल सात आरोपितों को जेल भेज दिया है। इन पर सेना की जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ करने, फर्जीवाड़ा करने व फर्जी दस्तावेज के आधार पर होल्डिंग नंबर लेने, फर्जी कब्जा दिखाकर जमीन बेचने आदि के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है। इस मामले में रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन भी जेल में हैं।
क्या है आर्मी लैंड स्कैम
दरअसल जिस मामले को लेकर ईडी ने छापेमारी की वह आर्मी लैंड स्कैम है। इस स्कैम का आरोपी प्रदीप बागची है। बागची ने ही सेना की जमीन की खरीद बिक्री के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार किया था। प्रदीप बागची के पूर्वज प्रफुल्ल बागची ने वर्ष 1932 में सेल डीड संख्या 4369 के सहारे खतियानी रैयत प्रमोद दास गुप्ता से यह जमीन खरीदी थी। फर्जी तरीके से तैयार किये गये इस सेल डीड की रजिस्ट्री पश्चिम बंगाल में दिखायी गयी थी। जबकि 1932 में पश्चिम बंगाल राज्य का गठन ही नहीं हुआ था। पश्चिम बंगाल राज्य का गठन देश के विभाजन के बाद हुआ। इडी ने इस फर्जी सेल डीड को कब्जे में ले लिया है।
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