झारखंड: शराब घोटाला मामले में IAS विनय चौबे से ACB की पूछताछ, रांची से गिरफ्तार
रांची, 20 मई : छत्तीसगढ़ और झारखंड में हुए कथित शराब घोटाले की जांच में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को झारखंड के वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय चौबे को गिरफ्तार कर लिया है । ACB विनय चौबे को उनके रांची स्थित आवास से पूछताछ के लिए एसीबी कार्यालय ले गई। उसके बाद लंबी पूछताछ के बाद विनय चौबे को गिरफ्तार कर लिया गया। ACB की टीम ने सुबह करीब 11 बजे विनय चौबे को उनके घर से अपने साथ ले गई। चौबे तत्कालीन उत्पाद सचिव थे, और उनके कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर शराब नीति में बदलाव कर एक सिंडिकेट को फायदा पहुंचाया गया, जिससे दोनों राज्यों को अरबों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ। क्या है शराब घोटाला?
इस घोटाले में रायपुर में सक्रिय एक सिंडिकेट पर नकली होलोग्राम का उपयोग कर झारखंड में शराब की अवैध आपूर्ति करने और करोड़ों रुपये की हेराफेरी का आरोप है। 2019 से 2022 के बीच हुए इस घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, और एपी त्रिपाठी सहित कई लोग आरोपी बनाए गए हैं। जांच में झारखंड के IAS विनय चौबे का नाम भी सामने आया, जिन पर शराब नीति में बदलाव के जरिए सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने का आरोप है। विकास सिंह के बयान ने दी जांच को रफ्तार
रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र निवासी विकास सिंह के बयान के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा ने इस मामले की जांच शुरू की थी। सिंह ने आरोप लगाया कि अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी और अन्य ने मिलकर शराब घोटाला किया, जिससे छत्तीसगढ़ सरकार को अरबों रुपये का नुकसान हुआ। सिंह का दावा है कि झारखंड में शराब नीति में बदलाव भी इसी सिंडिकेट के इशारे पर किया गया। पहले भी दर्ज हुआ था बयान
इससे पहले अप्रैल 2023 में, विनय चौबे और कर्ण सत्यार्थी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रायपुर कार्यालय में इस मामले में अपना बयान दर्ज कराया था। ACB की मौजूदा कार्रवाई से जांच में नई गति आने की उम्मीद है।
जाहिर है की ACB की पूछताछ और जांच से इस घोटाले के तार और गहरे होने की संभावना जताई जा रही है। इस मामले में अन्य अधिकारियों और कारोबारियों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।