Local Festival Satuan

लोकपर्व सतुआन Local festival satuan

Local festival satuan

आज बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के एक लोकपर्व सतुआन का दिन है। इसे लोग सतुआ संक्रांति या बिसुआ भी कहते हैँ ! बिहार के अंग क्षेत्र में यह पर्व ‘टटका बासी’ के नाम से जाना जाता है। सतुआन वस्तुतः आम के पेड़ों पर लगे नए-नए फल और खेतों में चने एवं जौ की नई फसल के स्वागत का उत्सव है।

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आज इन नई फसलों के लिए सूर्य का आभार प्रकट करने के बाद नवान्न के रूप में आम के नए-नए टिकोरों की चटनी के साथ नए चने और जौ का सत्तू खाया जाता है। सत्तू को देशी फ़ास्ट फ़ूड भी कहते हैं। सत्तू चने का हो सकता है, जौ का हो सकता है, मकई का हो सकता है और इन सबके मिश्रण का भी।

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इसमें नमक मिलाकर, पानी में सानकर कभी भी, कहीं भी, कैसे भी खा लिया जा सकता है, लेकिन सत्तू खाने का असली मज़ा तब है जब चटनी नए टिकोरे की हो तो सत्तू के स्वाद में चार चांद लग जाते हैं।
सतुआन पर्व सूर्य के मीन से मेष राशि में प्रवेश करने के मौके पर मनाया जाता है। इस दिन से गर्मी की शुरुआत भी मानी जाती है। सभी को लोकपर्व सतुआन की बहुत-बहुत बधाई।

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