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कोरोना प्रोत्साहन राशि( corona incentive amount ) की करोड़ो रुपये का हुआ बंदरबांट : सरयू राय

corona incentive amount scam
झारखंड में घोटालो का पर्दाफास करते आये जमशेदपुर के विधायक सरयू राय ने एक बार फिर घोटालों का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल दिया है लेकिन इस बार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर बड़ा आरोप लगा है आरोप है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अंत में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के अवैध आदेश से राजकोष से कोविड महामारी के बहाने के करोड़ों रूपये की राशि निकासी हुई है
आरोप है कि महामारी Novel Corona Virus (COVID-19) से संबंधित Contact Tracing, Testing, Supervision, कोविड अस्पताल/कोविड वार्ड में कार्यरत, कार्यालय तथा कंट्रोल रूम में कोविड से संबंधित कार्यों हेतु प्रतिनियुक्त चिकित्सा कर्मियों तथा चिकित्सकों को एक माह के मूल वेतन/मानदेय के समतुल्य प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की जानी थी. प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य नियमित एवं संविदा कर्मी विभाग द्वारा चिन्हित किये जाने थे.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस बारे में गठित समिति ने पात्रता श्रेणी में आनेवाले 94 स्वास्थ्य कर्मियों की सूची तैयार की जो प्रोत्साहन राशि पाने के योग्य थे. परंतु माननीय स्वास्थ्य मंत्री के कोषांग से 60 अतिरिक्त नामों की सूची विभाग को भेजी गई. इस सूची में माननीय मंत्री का नाम सबसे उपर अंकित है.  इस सूची में माननीय स्वास्थ्य मंत्री के दो आप्त सचिवों, निजी सहायकों, चर्या लिपिकों, कम्प्यूटर ऑपरेटरों, सहायकों, आदेश पालकों, 8 वाहन चालकों, 4 सफ़ाई कर्मियों और माननीय मंत्री जी की सुरक्षा में नियुक्त/प्रतिनियुक्त कुल 34 अंगरक्षकों एवं अन्य पुलिसकर्मियों का नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों में शामिल है.
जबकि ये नियमो में था की वैसे चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी एवं स्वास्थ्य विभागीय अन्य कर्मी, जिनके द्वारा कोविड-19 में अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं किया गया है, उन्हें यह प्रोत्साहन राशि अनुमानित नहीं होगा.  प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने हेतु कर्मी की पात्रता सुनिश्चित करने की पूर्ण ज़िम्मेवारी संबंधित कार्यालय प्रधान की होगी.
आरोप है कि प्रोत्साहन राशि देने की संचिका स्वास्थ्य मंत्री के पास  गई तो उन्होंने इसमें एक और नाम जोड़ने का आदेश दिया कि झारखंड विधानसभा के एक टंकक, जिसकी प्रतिनियुक्ति उनके गोपनीय शाखा में है, का नाम भी प्रोत्साहन राशि पाने वालों की सूची में जोड़ दिया जाय.
 वित्तीय वर्ष के अंत में सूची में शामिल मंत्री सहित कुल 60 को प्रोत्साहन राशि का अवैध और अनधिकृत भुगतान हुआ. मंत्री जी ने स्वयं संबंधित संचिका के पृष्ठ 40 पर दिनांक 7.3.2022 को इसपर हस्ताक्षर किया है.
प्रासंगिक संकल्प के अनुसार प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने के लिये अयोग्य कर्मियों का चयन करने के लिये अपने कोषांग के प्रधान के नाते आपकी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री स्वयं ज़िम्मेदार है. वे घोर वित्तीय कदाचार और अनियमितता के दोषी हैं. यह उनके भ्रष्ट आचरण का द्योतक है.
इसलिए मुख्यमंत्री से मांग की गई है की संचिका मंगाकर कर घोर वित्तीय अनियमितता के लिये स्वास्थ्य मंत्री पर कारवाई हो। तथा स्वास्थ्य मंत्री सहित उनके कोषांग के अन्य कर्मियों द्वारा ली गई अनुचित एवं अवैध प्रोत्साहन राशि वापस करने का आदेश दे और इसके लिये दोषियों के विरूद्ध कारवाई हो।

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