झारखण्ड राजभवन (GOVERNOR HOUSE)ने मांगी भ्रष्ट अधिकारियो की फ़ाइल , अधिकारियो में हड़कंप
GOVERNOR HOUSE
खबर झारखण्ड से से बहुत ही बड़ी खबर है मीडिया रिपोर्ट है की राजभवन ने ढाई माह पहले राज्य सरकार से भ्रष्टाचार में फंसे सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की सूची मांगी थी। इसमें IAS ,IPS समेत अन्य पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के खिलाफ चल रही ACB जांच और केस पर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा गया था।
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रिमांइडर लेटर के बाद राज्य सरकार ने ऐसे 4 आईएएस अधिकारियों की सूची भेज दी है। राज्य सरकार ने गवर्नर को जिन चार आईएएस अफसरों को नाम भेजे हैं, जिन पर एंटी करप्शन ब्यूरो यानि ACB की जांच चल रही है। इन अफसरों में सड़क निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार, एटीआई निदेशक के श्रीनिवासन, आईटी निदेशक मनोज कुमार और रांची के डीसी छवि रंजन शामिल हैं।
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मीडिया रिपोर्ट में लिखा गया है की राजभवन की ओर से भेजे गए गए पत्र में वैसे सभी प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर राज्य सरकार रिपोर्ट दे, जिनके खिलाफ निगरानी जांच और केस चल रहे हैं या लंबित हैं। नाम के साथ वैसे मामलों का विवरण, अद्यतन स्टेटस रिपोर्ट और उसका जिलावार विवरण भेजने की हिदायत दी थी। गौरतलब है की इस समय स्टेट में 131 IAS और 111 IPS अधिकारी कार्यरत हैं। ज्ञात हो की कि हाल के महीनों मेंकानून व्यवस्था और अन्य कई मुद्दों को लेकर गवर्नर रमेश बैस राजभवन में अधिकारियों को बुलाकर बैठक कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक राजभवन के रिमाइंडर के बाद होम डिपार्टमेंट , कार्मिक विभाग और मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के अधिकारी रिपोर्ट बनाने को लेकर रेस हो गए है। राज्य प्रशासनिक और राज्य पुलिस सेवा के आरोपी अधिकारियों की सूची भी अभी राजभवन को नहीं भेजी गई है। राज्य प्रशासनिक सेवा के 975 अधिकारी और राज्य पुलिस सेवा के 385 अधिकारी हैं।
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बताया जा रहा है की इस कार्रवाई के बाद भ्रष्टाचार और गड़बड़ियों की शिकायत झेल रहे अफसरों में हड़कंप है। बताया यह भी जा रहा है कि वह भी अपने स्तर से स्पष्टीकरण तैयार करने में जुट गए हैं। सरकार वैसे अफसर की सूची भी तैयार कर रही है, जो निगरानी के मामले में आरोपी थे, बाद में बरी हो गए थे।
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सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार की पहल पर राज्य के कुछ बड़े पदों पर कार्यरत अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इसके लिए सेंट्रल गोवेर्मेंट लगातार इन प्रशासनिक अधिकारियों के संबंध में रिपोर्ट और मंगवा रही है है। कुछ मामलों को प्रवर्तन निदेशालन यानि ED ने भी टेकअप किया है। शुरूआती जाँच में अधिकारियों की भूमिका की स्थति को आंका जा रहा है।