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रांची में मल्लिकार्जुन खरगे का मोदी सरकार पर हमला: पहलगाम आतंकी हमले पर उठाए सवाल

रांची में मल्लिकार्जुन खरगे का मोदी सरकार पर हमला: पहलगाम आतंकी हमले पर उठाए सवाल
रांची, 6 मई : झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित “संविधान बचाओ रैली” में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। रांची के पुराना विधानसभा मैदान में हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए खरगे ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल  को हुए आतंकी हमले को लेकर सरकार की तैयारियों और खुफिया तंत्र की विफलता पर गंभीर सवाल उठाए। इस रैली में खरगे ने न केवल सुरक्षा चूक पर सरकार को घेरा, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प भी दोहराया।
पहलगाम आतंकी हमले पर सरकार से सवाल
खरगे ने अपने संबोधन में पहलगाम आतंकी हमले को देश के लिए एक दुखद घटना करार देते हुए कहा कि इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। उन्होंने केंद्र सरकार के उस बयान का हवाला दिया जिसमें सरकार ने इस हमले को खुफिया तंत्र की विफलता (इंटेलिजेंस फेल्योर) माना और इसे सुधारने की बात कही। खरगे ने तंज कसते हुए पूछा, “जब सरकार को खुफिया एजेंसियों की कमियों की जानकारी थी, तो पहले ही पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई? आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई?”
उन्होंने आगे कहा कि खुफिया एजेंसियों ने हमले की आशंका पहले ही जता दी थी, जिसके आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कश्मीर यात्रा रद्द कर दी थी। खरगे ने सवाल उठाया, “जब खुफिया एजेंसियों ने आतंकी हमले की चेतावनी दी थी और पीएम ने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी, तो आम लोगों और सुरक्षा बलों को अलर्ट क्यों नहीं किया गया? सरकार ने इस सूचना को गंभीरता से क्यों नहीं लिया?”
खुफिया तंत्र और सुरक्षा नीतियों पर सवाल
खरगे ने अपने भाषण में केंद्र सरकार की सुरक्षा नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सभी दलों को एकजुट होकर लड़ना चाहिए, लेकिन सरकार की जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। “हम आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ हैं, लेकिन सरकार को यह बताना होगा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। पहलगाम हमले के बाद भी कोई ठोस रणनीति सामने नहीं आई है,” खरगे ने कहा।
उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग दोहराई ताकि इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। खरगे ने कहा, “संसद लोकतंत्र का मंदिर है। वहां इस तरह की गंभीर घटनाओं पर चर्चा होनी चाहिए, ताकि देश की जनता को भरोसा मिले कि उनकी सुरक्षा के लिए सरकार गंभीर है।”
संविधान बचाओ रैली का मकसद
“संविधान बचाओ रैली” का आयोजन कांग्रेस पार्टी ने संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए किया था। खरगे ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा और केंद्र सरकार की नीतियां संविधान के मूल सिद्धांतों को कमजोर कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की नीतियां गरीबों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ हैं।
“हमारा संविधान हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार देता है। लेकिन आज ये अधिकार छीने जा रहे हैं। हमारी लड़ाई संविधान को बचाने की है, ताकि देश में लोकतंत्र और न्याय की जीत हो,” खरगे ने जोर देकर कहा।
विपक्ष की एकजुटता और कांग्रेस की रणनीति
खरगे ने रैली में विपक्षी दलों की एकजुटता का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल मिलकर सरकार की जनविरोधी नीतियों का विरोध करेंगे। “हमारी एकता ही हमारी ताकत है। हम सरकार को जनता के सामने जवाबदेह बनाएंगे,” उन्होंने कहा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने झारखंड के स्थानीय मुद्दों पर भी बात की और राज्य सरकार के साथ मिलकर आदिवासी और गरीब समुदायों के कल्याण के लिए काम करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता ने हमेशा कांग्रेस का समर्थन किया है, और पार्टी उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगी।
रैली का माहौल और जनता का उत्साह
रांची के पुराना विधानसभा मैदान में आयोजित इस रैली में हजारों लोग शामिल हुए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने खरगे के भाषण के दौरान उत्साहपूर्वक नारे लगाए। रैली में झारखंड कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता, विधायक और स्थानीय कार्यकर्ता मौजूद थे। मंच पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य गठबंधन नेताओं की मौजूदगी ने रैली को और मजबूती दी।

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