मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा को मिला सम्मान.
Team Drishti.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!मुख्यमंत्री श्री हेमन्त के आदेश के बाद मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की क्षतिग्रस्त प्रतिमा को ठीक कर दिया गया। मुख्यमंत्री को उपायुक्त रांची ने जानकारी दी कि मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा जी की प्रतिमा के रख रखाव का कार्य समुचित रूप से पूरा कर लिया गया है। साथ ही, सभी संबंधित अधिकारियों को यह निदेश दिया गया है कि आगे से किसी भी प्रकार की ऐसी शिकायत प्राप्त न हो, इसका विशेष ध्यान रखें।
यह मिली थी जानकारी और दिया निदेश
मुख्यमंत्री से वीडियो साझा कर बताया गया कि रांची में लगी जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा बुरी तरह टूट चुकी है। मामले की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने उपायुक्त रांची को मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा को ठीक कराने का निदेश दिया था।
कल है जयंती
कल मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती है। जयपाल सिंह मुंडा भारतीय हॉकी टीम का कप्तान रहते हुए भारत को ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाया था। संविधान सभा के सदस्य रहे और झारखण्ड आंदोलन की नींव रखी। सरकार ने मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशिय छात्रवृत्ति योजना 2020 का शुभारंभ सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर किया है, जिसके तहत प्रत्येक वर्ष 10 अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राएं कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड जैसी प्रतिष्ठित विदेशी शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे।
योजना प्रतिभावान आदिवासी युवाओं को विदेशों में पढ़ने में मदद करेगी। मालूम हो कि मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा झारखण्ड के पहले आदिवासी थे, जिन्होंने विदेश में शिक्षा ग्रहण कर राज्य का मान बढ़ाया था। उनका चयन भारतीय सिविल सेवा (आईसीएस) में हो गया था।आईसीएस का उनका प्रशिक्षण प्रभावित हुआ। क्योंकि वे 1928 में एम्सटरडम में ओलंपिक हॉकी में पहला स्वर्णपदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान के रूप में नीदरलैंड चले गए थे। नीदरलैंड से वापस लौटने पर उनसे आईसीएस का एक वर्ष का प्रशिक्षण पुनः पूरा करने को कहा गया, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।






