शहीद किशोर बाड़ा का पार्थिव शरीर पहुँचा उनके गांव, नम आंखों से दी गयी विदाई
शहीद किशोर बाड़ा का पार्थिव शरीर उनके गांव नम आंखों से दी गयी विदाई
सिमडेगा से नरेश
शहीद किशोर बाड़ा, का पार्थिव शरीर जब उनके गांव आया तो पूरा गांव गमगीन हो गया। किशोर बाड़ा लेह में आर्मी की 699 टाट्रा बटालियन में हवलदार के पद पर तैनात थे, उनका पार्थिव शरीर 22 मार्च को तिरंगे में लिपटकर उनके पैतृक गांव नानेसेरा तुरतुरी पानी पहुंचा। उनकी पत्नी शाशिता बाड़ा और तीन बेटियों सहित सभी ग्रामीण बिलख उठे।
शहीद का परिचय और हादसा
किशोर बाड़ा सिमडेगा जिले के नानेसेरा तुरतुरी पानी गांव के निवासी थे। वे भारतीय सेना की 699 टाट्रा बटालियन में हवलदार के पद पर तैनात थे और लेह, कश्मीर में अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। 20 मार्च 2025 को, किशोर अपनी बटालियन के साथ एक वाहन में कहीं जा रहे थे। इसी दौरान एक भीषण प्राकृतिक हादसा हुआ—बर्फ का एक विशाल पहाड़ उनके वाहन पर गिर पड़ा। इस दुर्घटना में किशोर बाड़ा की मौके पर ही मृत्यु हो गई।
पार्थिव शरीर का गांव में आगमन
रविवार, 22 मार्च को, शहीद किशोर बाड़ा का पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटकर उनके पैतृक गांव नानेसेरा तुरतुरी पानी पहुंचा। जैसे ही उनका शव गांव में प्रवेश किया, एक मातमी सन्नाटा पूरे इलाके में छा गया। उनकी पत्नी शाशिता बाड़ा, उनकी तीन बेटियां—जिनमें सबसे छोटी एंजिला बाड़ा शामिल थी—और गांव के सभी लोग अपने प्रिय सैनिक को खोने के गम में बिलख उठे। यह दृश्य दिल को झकझोर देने वाला था।
अंतिम विदाई और श्रद्धांजलि
शहीद के सम्मान में गांव में परंपरागत मिस्सा अनुष्ठान आयोजित किया गया, जो स्थानीय रीति-रिवाजों का हिस्सा है। इसके बाद रांची मिलिट्री स्टेशन से आए जवानों ने शहीद किशोर बाड़ा को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी। इस दौरान उनकी छोटी बेटी एंजिला, जो अपने पिता की सबसे छोटी बेटी हैं, अपने पिता को सलामी देते हुए फफक-फफक कर रो पड़ी। यह दृश्य इतना भावुक था कि वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गईं।
अंतिम विदाई में विधायक भूषण बाड़ा, जिला कलेक्टर (डीसी) अजय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक (एसपी) सौरभ कुमार, जिला परिषद सदस्य जोसिमा खाखा सहित कई प्रशासनिक और सामाजिक गणमान्य लोग शामिल हुए। विधायक ने शहीद के पार्थिव शरीर को कंधा दिया और मिट्टी देकर उन्हें अंतिम विदाई दी। इस मौके पर सभी ने शहीद के बलिदान को नमन करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
प्रशासन और नेताओं का समर्थन
विधायक भूषण बाड़ा ने शहीद के परिवार को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि वे शहीद के परिजनों के साथ हर कदम पर खड़े रहेंगे। परिवार को शहर में जमीन, अनुकंपा के आधार पर नौकरी और अन्य सरकारी लाभ दिलाने का वादा किया गया। विधायक ने शहीद की पत्नी शाशिता और उनकी तीनों बेटियों को ढांढस बंधाया और उनके दुख में शामिल होने की बात कही।
डीसी अजय कुमार सिंह ने कहा, “जिला प्रशासन शहीद किशोर बाड़ा के परिवार के साथ है। हम उनकी हर संभव मदद करेंगे।” वहीं, एसपी सौरभ कुमार ने शहीद की शहादत को यादगार बताते हुए कहा, “उनका बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा। पुलिस प्रशासन भी परिवार के साथ खड़ा है।” इस मौके पर बीडीओ समीर रौनियार खलखो, थाना प्रभारी अजीत लकड़ा, पंचायत सदस्य प्रतिमा कुजूर और पंचायत अध्यक्ष निलेश एक्का जैसे स्थानीय अधिकारी भी मौजूद थे।
शहीद का पारिवारिक जीवन
किशोर बाड़ा अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। उनके पांच भाई-बहनों में वे अकेले भाई थे, और बचपन में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। उनकी बहनों ने बड़ी मुश्किलों से उनकी परवरिश की और उन्हें पढ़ा-लिखाकर सेना में भर्ती होने तक का सफर तय करने में मदद की। उनकी पत्नी शाशिता बाड़ा रांची में नर्स के रूप में कार्यरत हैं, जो परिवार की आर्थिक स्थिति को संभालने में योगदान देती हैं। शहीद की तीन बेटियां हैं, जो सभी पढ़ाई कर रही हैं। परिवार के लिए किशोर न केवल रीढ़ की हड्डी थे, बल्कि उनकी उम्मीदों का केंद्र भी थे।