PM की सलाह राज्यों में अदालतों की कार्यवाही ( court proceedings) वहां की स्थानीय भाषा में हो .
PM SPEECH court proceedings in local language
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन को संबोधित किया। दिल्ली के विज्ञान भवन में हुए कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, 2047 में जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब हम देश में कैसी न्याय व्यवस्था देखना चाहेंगे? हम किस तरह अपनी न्यायिक व्यवस्था को इतना समर्थ बनाएं कि वो 2047 के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके, उन पर खरा उतर सके, यह प्रश्न आज हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। इस कर्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना भी मौजूद रहे। वैसे उन्होंने सलाह दिया की राज्यों में अदालतों की कार्यवाही ( court proceedings) वहां की स्थानीय भाषा में हो ।
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कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री ने कहा, एक गंभीर विषय आम आदमी के लिए कानून की पेंचीदगियों का भी है। 2015 में हमने करीब 1800 ऐसे कानूनों को चिन्हित किया था जो अप्रासंगिक हो चुके थे। इनमें से जो केंद्र के कानून थे, ऐसे 1450 क़ानूनों को हमने खत्म किया। लेकिन, राज्यों की तरफ से केवल 75 कानून ही खत्म किए गए हैं।
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पीएम ने कहा, न्यायिक व्यवस्था में तकनीकि की संभावनाओं को डिजिटल इंडिया मिशन का एक जरूरी हिस्सा मानती है। ई-प्रोजेक्ट कोर्ट को आज मिशन मोड में लागू किया जा रहा है। आज कल कई देशों में लॉ यूनिवर्सिटी में ब्लॉक चेन, इलेक्ट्रॉनिक डिस्कवरी, साइबर सिक्योरिटी, रोबोटिक्स, एआई और बायोथिक्स जैसे विषय पढ़ाए जा रहे हैं। हमारे देश में भी लीगल एजुकेशन अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक हो, यह हमारी जिम्मेदारी है।