Pure water

शुद्ध पानी (Pure water)घरों तक पहुंचाने के लिए बंद पड़े पत्थर खदान में पानी को फिल्टर कर घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास

पेयजल के संकट से जूझ रहे ग्रामीणों को शुलभ रूप से शुद्ध पानी(Pure water) लोगो के घरों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने प्रशासन के सहयोग से नया प्रयोग किया है. इलाके मे बंद पड़े पत्थर खदान में पानी को फिल्टर कर घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास किया है.इस प्रयोग से प्रशासन ने ग्रामीणों के पेयजल के साथ सिचाई की सुविधा देने से ग्रामीणों मे ख़ुशी की लहर है.

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झारखण्ड के दुमका जिले के शिकारीपाड़ा प्रखंड के पत्थर उद्योगिक इलाके मे कभी बारूद के सहारे पत्थरो के तोड़ने की गूंज से दहल उठता था लेकिन आज इस इलाके मे ख़ुशी की लहर है चुंकि सरकार ने जिला प्रशासन के सहयोग से जूझ रहे पानी के संकट को उसी इलाके के खदान से शुद्ध पानी लोगो को उपलब्ध कराकर ग्रामीणों के बीच विश्वास की नीब डाल दी है. पानी के उपलब्ध होने से ग्रामीणों के बीच खाशी उत्साह देखी जा रही है.
हम आज बात कर रहे है कुलकुली डंगाल नामक एक आदिवासी गांव की जो सात टोलों में करीब 42 आदिवासी परिवार रहते है जिन्हे पानी के घोर संकट से जूझना पड़ता था लेकिन प्रशासन के इस अनोखी पहल की और बंद पड़े पत्थर खदानो के जमा पानी को फिल्टर कर उसे पाइप लाइन के माध्यम से घर-घर पेयजल पहुंचाने का प्रयास किया है। लोगो को शुद्ध और शुलभ शुद्ध पानी के मिलने से लोगो मे उत्साह के साथ जिला प्रशासन के प्रति विश्वास का भाव भी बढ़ा है.उन्हें ये कभी सपने मे भी सोचा नहीं था कि इस तरह उनके घर तक पेयजल पहुंचेगा।उसके लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद दे रहे हैं।
इस योजना का शुभारंभ रविवार को शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन जिला परिषद अध्यक्ष जोयेस बेसरा और उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने संयुक्त रूप से की. यहाँ बता दे कि बंद पत्थर खदान के पानी को 40 घरों में पहुंचाने की योजना पर मात्र 13 हजार रुपए खर्च किए गए। और इतने कम राशि मे लोगों के घरों तक पेयजल पंहुचा कर लोगों के प्रति सरकार और स्थानीय प्रशासन के प्रति विश्वास करना एक बड़ी पहल के रूप मे देखा जा सकता है.
इधर इस महत्वकांक्षी योजना को लेकर शिकारिपाड़ा के स्थानीय विधायक सह झारखण्ड विस के मुख्य सचेतक नलिन सोरेन ने कहा कि सरकार जन कल्याणकारी योजना में लगी हुई है और इस कड़ी में इस गांव में लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। आने वाले दिनों में भी यह प्रयोग और भी गांवो में कर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। इस कड़ी मे दुमका के डीसी रवि शंकर शुक्ला ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिशा निर्देश पर यह काम किया गया है। उन्होंने कहा कि पत्थर खदान में जो पानी जमा रहता है। पहले उसका कोई उपयोग नहीं होता था। लेकिन अब इस पानी को साफ कर पीने योग्य बनाया जा रहा है। इसे क्षेत्र में सिंचाई की जा रही है इतना ही नहीं इस में मछली पालन कर लोगों को स्वावलंबी बनाया जा रहा है। कुल मिलाकर पेयजल की इस योजना को पाकर ग्रामीणों में काफी खुश है। इधर ग्रामीणों ने सरकार और जिला प्रशासन से सड़क की मांग की है ताकि हमें आवागमन में आसानी से हो सके।

बहरहाल जिला प्रशासन ने सरकार के सहयोग से कम खर्च कर लोगो को ना सिर्फ पेयजल ही उपलब्ध कराई बल्कि इस पानी से लोगो के खेतों मे सिचाई के साथ मछली पालन करने का रास्ता बनाकर लोगों को स्वावलम्बी बनाने मे अपनी अहम् भूमिका अदा की है. दुमका से विकास कुमार

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