shushant

Ranchi News:-रांची के 30 वर्षीय सुशांत सिंह के अंगदान से चार लोगों को मिली नई जिंदगी, ब्रेन हेमरेज के वजह से हुई थी मौत

Ranchi News

प्रेरणा चौरसिया

Drishti  Now  Ranchi

रांची के सिंह परिवार ने लाेगाें के लिए अनूठी मिसाल पेश की है। परिवार के साहसिक फैसले ने चार परिवारों की खुशियों को लौटाया। इस फैसले के लिए उनकी हर तरफ तारीफ हो रही है। दरअसल, रांची निवासी 30 वर्षीय सुशांत कुमार सिंह की मौत ब्रेन हेमरेज से हुई थी, लेकिन जाते-जाते सुशांत ने चार लाेगाें काे नया जीवन दे दिया। उनके परिवार ने बेटे के सभी अंगों का दान कर दिया।

सुशांत के नेत्र का ऊतक भी उनके परिजनों की स्वेच्छा से दान कर दिया गया। उनके इस पुनीत कार्य से जिन चार जिंदगियों को नई जिंदगी मिली, उनमें 50 साल की 2 महिलाएं, एक नाबालिग और एक 40 साल के व्यक्ति शामिल हैं। सुशांत के पिता सुरेंद्र कुमार सिंह बोकारो स्टील प्लांट से सेवानिवृत हैं। वर्तमान में वे रांची में रहते हैं।

सुशांत के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह लंदन में फेसबुक में कार्यरत था। लंदन में ही उसकी मौत ब्रेन हेमरेज से हुई थी। इसके बाद परिवार ने इच्छा जताई कि उसके अंगों का दान कर देना चाहिए। इससे कई लोगों को जहां नया जीवन मिलेगा उन्हें यह लगेगा कि बेटे का अंग आज भी किसी को जीवन दे रहा है।

नाबालिग 3 साल से ज्यादा समय से ट्रांसप्लांट के लिए थी प्रतीक्षा सूची में

लंदन के ऑर्गन, टिश्यू डोनेशन और ट्रांसप्लांटेशन टीम के अधिकारिक पत्र में सुशांत के पिता को बताया गया है कि उनके बेटे के अंगों के ट्रांसप्लांट से चार लोगों को जीवन दान मिला है। सुशांत के नि:स्वार्थ उदारता के कार्य के परिणामस्वरूप जिन चार लोगों को अंग ट्रांसप्लांट किया गया, उनमें एक 50 साल की दो महिलाएं शामिल है। एक महिला का नाम ट्रांसप्लांट प्रतीक्षा सूची में कई महीनों से था। उनमें सुशांत सिंह का हृदय ट्रांसप्लांट किया गया। वहीं एक अन्य 50 वर्षीय महिला में सुशांत सिंह का यकृत ट्रांसप्लांट किया गया।

तीन साल से अधिक समय तक ट्रांसप्लांट की प्रतीक्षा सूची में रहने के बाद नाबालिग लड़की में सुशांत की एक किडनी ट्रांसप्लांट की गई। अपने 40वें वर्ष में एक सज्जन के दो अंग काम नहीं कर रहे थे। वे भी ट्रांसप्लांट की सूची में थे, जिनमें सुशांत सिंह की एक किडनी और एक अग्नाशय ट्रांसप्लांट किया गया। बता दें कि भारत में अंगदान को लेकर जागरुकता की काफी कमी है। अभी भी बहुत लोग इसको धर्म विरुद्ध मानते हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में अंगदान की संख्या बढ़ी है। विशेषतौर पर महानगरों में लोग अब अंगदान करने लगे हैं।

हमारे व्हाट्सप ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पे क्लिक करे :-

https://chat.whatsapp.com/KgR5pCpPDa65iYZy1qW9jo

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share via