Ranchi News:-तीन चरणों में 31 दिनों तक चलेगा आंदोलन , विधायक और सांसद को मांग पत्र सौपने से शुरू होगा ये आंदोलन
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
झारखंड के नौजवान एक बार फिर अपने लिए तीसरी से चौथी क्लास की नौकरी और साथ ही राज्य में नौकरी पाने के लिए आंदोलन का रास्ता चुन रहे हैं. झारखंड राज्य छात्र संघ के अध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने दावा किया कि पिछले चार महीनों में ऐतिहासिक रूप से सफल कई आंदोलनों के बावजूद, अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो सरकार फिर भी आंदोलन करेगी। 60:40 की सत्ता नीति के विरोध में लगातार 31 दिनों तक तीन चरणों में आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। आज की पत्रकार वार्ता में निम्नलिखित छात्र नेताओं ने भाग लिया: आदिवासी छात्र संघ के देवेंद्र नाथ महतो, योगेश भारती, मुकेश, रवींद्र, अमनदीप मुंडा और सुमित उरांव।
जल जंगल जमीन को बचाने की है लड़ाई
झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन के प्रमुख देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि 60:40 नाय चलतो आंदोलन महज रोजगार या नौकरी को बचाने की लड़ाई नहीं है बल्कि झारखंड से भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने की लड़ाई है। यह भाषा-संस्कृति रीति रिवाज को बचाने की लड़ाई है। यह जल-जंगल-जमीन को बचाने की लड़ाई है, इसीलिए इस आंदोलन का नेतृत्व अब छात्र, अभिभावक, किसान, मजदूर, आदिवासी-मूलवासी मिलकर लड़ेंगे और राज्य को बचाने का काम करेंगे। 60:40 नीति से बाहरी भू – माफिया लोग का झारखंड में आगमन होगा जो जिस पहाड़, पर्वत , जल, जंगल जमीन, नदी झरना को हम भगवान के रूप मानकर जितना जरूरत हो उतना ही जंगल से लकड़ी, नदी से बालू लेते हैं लेकिन बाहरी भू – माफिया लोग उक्त चीजों को खनन और आय का दृष्टि से देखते हैं।
ऐसा होगा आंदोलन की रूप-रेखा
प्रथम चरण 15 दिवसीय समर्थन प्राप्त पत्र अभियान
10 मई से 25 मई यह चरण चलेगा। जिसमें 81 विधायक और 14 सांसद को स्थानीय लोगों के सहयोग से अपना मांग पत्र पर समर्थन प्राप्त करने का अभियान चलाया जायेगा। समर्थन देने वाले विधायक,सांसदों को संपूर्ण झारखंडी आदिवासी-मूलवासी तरफ से आभार प्रकट किया जायेगा। समर्थन नहीं देने वाले विधायक-सांसदों को सामाजिक कार्य में बहिष्कार किया जायेगा। किसी भी शादी-विवाह, भोज और पूजा-पाठ में नहीं बुलाया जायेगा।
दूसरा चरण 10 दिवसीय होगा
इसके माध्यम से सभी प्रखंडों में बैठक कर प्राचीन पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था, महा जनजागरण अभियान के तहत समस्त झारखंड के हाठ – बाजार, चौक चौराहा में नगाड़ा और सखुवा पत्ता घुमाकर राज्य के सभी सवा तीन करोड़ लोगों के दिल दिमाग में बैठाया जायेगा कि 60:40 नाय चलतो, हकमार नीति नाय चलतो।
तीसरा चरण 9 से 11 जून तक
तीसरे चरण में तीन दिवसीय 72 घंटे का महा आंदोलन होगा। 10 और 11 जून को दो दिन पूरे 48 घंटा संपूर्ण झारखंड बंद रखा जायेगा तथा बंदी को सफल बनाने के लिए 9 जून को शाम 4 बजे सभी प्रखंड और जिला मुख्यालय के विभिन्न चौक चौराहा में विशाल मशाल जुलूस निकाला जायेगा।
क्या चाहते हैं स्टूडेंट्स
- झारखंड में बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू हो।
- बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार को भी यह अधिकार है कि वह संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अध्यादेश, गजट का संकल्प को अंगीकृत कर सकती है। इसी अधिकार के तहत बिहार की 3 मार्च 1982 वाली नियोजन नीति जिसका पत्रांक 5014/81-806 है, को अंगीकृत कर बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू करते हुए नियुक्तियां शुरू की जाएं।
- नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाए
- जनसंख्या के अनुपात में सभी वर्गों को जिला स्तर में आरक्षण लागू किया जाए
- झारखंड का एक स्पेशल पेपर का प्रावधान किया जाए, जिसमें झारखंड के रीति रिवाज, भाषा संस्कृति, परंपरा की अनिवार्यता हो
- राज्य स्तर तथा जिला स्तर के सभी तकनीकी तथा गैर तकनीकी परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का पेपर अनिवार्य किया जाए
- मूल झारखंडी छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में विशेष छुट दी जाए
- उत्तराखंड की तर्ज़ पर परीक्षा नकल विरोधी कानून लागू किया जाए
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