Ranchi News:-सड़क पर सुरक्षा बल तैनात, बंद की अपील करने सड़क पर उतरे छात्र, टायर जला रास्ता रोका
स्थानीय नीति के विरोध में झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने 48 घंटे बंद का आह्वान किया है। बंद का असर झारखंड के कई जगहों पर नजर आ रहा है। विद्यार्थी सड़क पर निकलकर दुकानें बंद करा रहे हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात किए गये हैं। रांची में 1500 पुलिस जवान तैनात हैं। प्रमुख जगहों पर विशेष बल की तैनाती की गयी है जिसमें मुख्यमंत्री आवास, मोरहाबादी मैदान का इलाका शामिल है। बंद का असर फिलहाल राजधानी रांची के शहरी इलाके में तो नजर नहीं आ रहा है पर रांची से सटे नामकुम, ओरमांझी, कांके, गुमला रोड में बंद का असर दिख रहा है। नामकुम इलाके में आंदोलन कर रहे छात्रों से सड़क में टायर जला कर सड़क को बाधित कर दिया है। वहीं वाहनों का आना-जाना पूरी तरह से रोक रखा है। सड़क पर ट्रकों की कतार नजर आ रही है। हालांकि किसी भी तरह की अनहोनी से निपटने के लिए पुलिस के जवान हर इलाके में तैनात हैं।
सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी
सुरक्षा बल सीसीटीवी की मदद से भी इन इलाकों पर नजर रख रहे हैं। इन इलाकों में दो दर्जन से अधिक सीसीटीवी लगाए गये हैं। दो ड्रोन कैमरा भी इलाके की निगरानी कर रहे हैं। झारखंड राज्य छात्र संघ (JSSU) ने झारखंड सरकार की 60-40 फॉर्मूले पर आधारित नई नियोजन नीति के विरोध में बंद का आह्वान किया है। 48 घंटे का बंद शुरू हो गया है। डीएसपी और एसपी ने जवानों से कहा है कि अशांति फैलाने वालों पर नजर रखें। उनसे सख्त तरीके से निपटा जाना चाहिए।
सड़क पर बंद समर्थक
बंद समर्थक अहले सुबह खादगढ़ा बस स्टैंड पहुंचे. यहां छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो के द्वारा लोगों से आग्रह कर बसों का परिचालन ना करें और बंद किस वजह से बुलाया गया है उसे भी समझाया। पुलिस मुख्यालय से रांची, साहिबगंज, जमशेदपुर सहित कुल आठ जिलों ने अतिरिक्त फोर्स की मांग की थी. मुख्यालय की ओर से करीब दो हजार अतिरिक्त फोर्स तैनात किए गये हैं। झारखंड बंद को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को अलर्ट किया है। सदर कोर्ट ने छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो सहित 11 छात्र नेताओं के खिलाफ नोटिस जारी किया है। बंद समर्थक नियोजन नीति के विरोध में सड़क पर बंद की अपील भी कर रहे हैं। देवेंद्र नाथ ने कहा राज्य में साढ़े तीन लाख से ज्यादा रिक्त पद हैं। दूसरे राज्यों के लोग यहां नौकरी कर रहे हैं। बिना गजट प्रकाशित किये 60:40 के अनुपात में लगातार विज्ञापन निकाला जा रहा है।
क्या चाहते हैं स्टूडेंट्स
- झारखंड में बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू हो।
- बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार को भी यह अधिकार है कि वह संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अध्यादेश, गजट का संकल्प को अंगीकृत कर सकती है। इसी अधिकार के तहत बिहार की 3 मार्च 1982 वाली नियोजन नीति जिसका पत्रांक 5014/81-806 है, को अंगीकृत कर बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू करते हुए नियुक्तियां शुरू की जाएं।
- नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाए
- जनसंख्या के अनुपात में सभी वर्गों को जिला स्तर में आरक्षण लागू किया जाए
- झारखंड का एक स्पेशल पेपर का प्रावधान किया जाए, जिसमें झारखंड के रीति रिवाज, भाषा संस्कृति, परंपरा की अनिवार्यता हो
- राज्य स्तर तथा जिला स्तर के सभी तकनीकी तथा गैर तकनीकी परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का पेपर अनिवार्य किया जाए
- मूल झारखंडी छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में विशेष छुट दी जाए
- उत्तराखंड की तर्ज़ पर परीक्षा नकल विरोधी कानून लागू किया जाए
पहले भी कर चुके आंदोलन
नियोजन नीति के विरोध को लेकर युवाओं ने पहले भी आंदोलन किया है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी आंदोलन किया और 2 महीने पहले सीएम आवास का घेराव भी किया। अब नयी रणनीति के तहत एक बार फिर छात्र आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।