बेंगलुरु : चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ मामले में RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले गिरफ्तार
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को बेंगलुरु पुलिस ने शुक्रवार सुबह केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 4 जून को हुई भगदड़ से जुड़ी है, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 75 से अधिक लोग घायल हो गए। यह घटना RCB की पहली आईपीएल खिताबी जीत के जश्न के दौरान हुई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, निखिल सोसले कथित तौर पर मुंबई के लिए उड़ान भरने की कोशिश कर रहे थे, जब उन्हें हिरासत में लिया गया। उनके साथ-साथ इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के तीन कर्मचारी किरण कुमार (वरिष्ठ इवेंट मैनेजर), सुमंत और सुनील मैथ्यू (उपाध्यक्ष बिजनेस अफेयर्स) को भी हिरासत में लिया गया है।
यह कार्रवाई कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के आदेश के बाद हुई, जिन्होंने RCB, DNA एंटरटेनमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) के प्रतिनिधियों की तत्काल गिरफ्तारी का निर्देश दिया था। कब्बन पार्क पुलिस ने 5 जून को स्वत: संज्ञान लेते हुए एक FIR दर्ज की, जिसमें गैर-इरादतन हत्या, गैरकानूनी जमावड़ा और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया।
सूत्रों का कहना है कि निखिल सोसले ने कथित तौर पर बिना पुलिस अनुमति के विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक विजय परेड की घोषणा की, जिसे सोशल मीडिया पर प्रचारित किया गया। पुलिस द्वारा परेड की अनुमति से इनकार करने के बावजूद, पोस्ट को हटाया नहीं गया, जिससे भारी भीड़ जमा हो गई और यह दुखद घटना घटी।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना के बाद बेंगलुरु पुलिस आयुक्त बी. दयानंद, अतिरिक्त आयुक्त (पश्चिम) विकास कुमार विकास, डीसीपी (मध्य) शेखर एच. टेक्कनवर और कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन के अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया। साथ ही, इस मामले की जांच के लिए कर्नाटक हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता में एक एकल सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है, जिसे 30 दिनों में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
RCB ने एक बयान जारी कर इस घटना पर दुख व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताई। टीम ने “RCB Cares” नामक एक फंड की स्थापना की घोषणा की है, जो घायल प्रशंसकों की सहायता के लिए काम करेगा।
यह मामला अब अपराध जांच विभाग (CID) को सौंप दिया गया है, और गिरफ्तार व्यक्तियों से पूछताछ जारी है। कर्नाटक पुलिस अन्य चार आरोपियों की तलाश में भी जुटी है, जिनमें KSCA के कुछ अधिकारी शामिल हैं।