सिरमटोली फ्लाईओवर पर बाबूलाल मरांडी का निशाना, कहा- आदिवासी समाज ठगा महसूस कर रहा है
झारखंड विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सिरमटोली फ्लाईओवर के उद्घाटन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने गुपचुप तरीके से फ्लाईओवर का लोकार्पण किया, जिससे आदिवासी समाज ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
बाबूलाल मरांडी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने कल गुपचुप तरीके से सिरमटोली फ्लाईओवर का लोकार्पण किया, जिससे आदिवासी समाज ठगा हुआ महसूस कर रहा है। यह लोकार्पण पर्यावरण दिवस के दिन किया गया, लेकिन विडंबना यह रही कि प्रकृति और पर्यावरण के उपासक आदिवासी समाज की भावनाओं को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।”
उन्होंने आगे कहा कि सिरमटोली फ्लाईओवर के रैंप निर्माण के खिलाफ आदिवासी समाज लंबे समय से चरणबद्ध आंदोलन कर रहा है। मरांडी ने जोर देकर कहा कि सरना स्थल आदिवासी समुदाय की आस्था, संस्कृति और परंपरा की पहचान है, जिसे संरक्षित करना हर आदिवासी का कर्तव्य है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर कोई ठोस समाधान नहीं निकाला गया।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामेश्वर उरांव ने भी बाबूलाल मरांडी के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “आदिवासियों की भावना तो आहत हुई है।” यह विवाद सिरमटोली-मेकॉन फ्लाईओवर के रैंप निर्माण से जुड़ा है, जिसका आदिवासी संगठन लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि रैंप के कारण केंद्रीय सरना स्थल तक पहुंचने में बाधा आ रही है।
बाबूलाल मरांडी ने सरकार से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और आदिवासी समुदाय की भावनाओं का सम्मान करने की मांग की है। यह मुद्दा अब राजनीतिक और सामाजिक रूप से गरमा गया है, और आने वाले दिनों में इस पर और चर्चा होने की संभावना है।