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ट्रैफिक चलान की मनमानी पर उच्च न्यायालय स्वतः संज्ञान ले : सुधीर श्रीवास्तव

 

अधिवक्ता ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर ट्रैफिक ऑनलाइन ट्रैफिक चलान की जानकारी दी।

राज्य में जिस तरह ट्रैफिक पोस्ट पर या जहां कैमरा लगा हुआ है वहां से वाहन निकालना टेढ़ी खीर है और आपको फाइन देना पड़ेगा ,इससे आहत होकर अधिवक्ता सह भाजपा विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक सुधीर श्रीवास्तव ने झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर मांग किया है कि न्यायालय इसमें स्वतः संज्ञान ले और इसकी पूरी जांच सीबीआई से कराए।

श्रीवास्तव ने बताया कि यह एक महा घोटाला है जिसमें झारखंड के सभी वाहन मालिक पीड़ित है और उनके पॉकेट से सरकार पैसे खींच रही है। जिस रास्ते पर ओवर स्पीड का बोर्ड तक नहीं लगा हुआ है उसे रास्ते में चलने पर ओवर स्पीड का फाइन आ रहा है।

जहां पर पार्किंग नहीं है वहां गाड़ी पर नो पार्किंग का चलान दिया जा रहा है। घर से सुबह बच्चों को स्कूल पहुंचने में भी फाइन देना पड़ रहा है। ऐसा दहशत पूरे भारत में सिर्फ रांची में ही है पूरे भारत में कहीं भी इस प्रकार का ट्रैफिक चालान का दहशत नहीं है ।इस मामले में सीबीआई जांच की आवश्यकता इस कारण है कि यह कैमरा जो लगाया गया है उसमें क्या सेटिंग किया गया है की गाड़ी के अंदर सीट बेल्ट पहनने पर भी फाइन का मैसेज ज्यादा आ रहा है। इस महाघोटाला में कौन-कौन शामिल हैं इसका जांच करना अत्यंत आवश्यक है

अगर इसकी जांच हो जाए तो झारखंड का एक बड़ा चालान महाघोटाला सामने आ जाएगा । कैमरा कहां-कहां लगा हुआ है यह भी जनता को पता नहीं है और कुछ खास इलाके में यह कैमरे लगे हुए हैं और बाकी इलाके में यह कैमरे नहीं लगे हुए हैं इस सब षड्यंत्र में कौन-कौन शामिल हैं इसका पता लगाना भी आवश्यक है।

लोग डर से अब अपनी गाड़ी से घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं जितना का गाड़ी नहीं है उतना उनको फाइन भेज दिया जा रहा है फाइन भरने के अलावा आम जनता के पास कोई दूसरा उपाय नहीं है क्योंकि चलान में जितना अमाउंट लिखा हुआ है उतना उनको देना पड़ेगा इसके लिए कोई भी कोर्ट नहीं है कि उनका पक्ष सुना जा सके।

किसी परिस्थिति में वह जो फाइन चालान दिया गया है वह गलत है या सही है इसका कोई भी बहस कहीं नहीं होगा यह हिटलर शाही व्यवस्था सरकार के द्वारा किया गया है।
सरकारी गाड़ियों पर यह फाइन नहीं हो रहा है,नगर निगम के वाहनों पर नहीं हो रहा है ,थाना के वाहन का जुर्माना नहीं हो रहा है।जब सभी जुर्माना ऑनलाइन ही हो रहा है तो फिर ट्रैफिक पुलिस का जरूरत ही क्या है सब ट्रैफिक पुलिस को पोस्ट से तत्काल वापस बुलाया जाना चाहिए।

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