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खुद मूर्ति बनाकर जनजातीय समुदाय करते हैं दुर्गा पूजा.

Team Drishti.

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सिमडेगा : ठेठईटांगर प्रखण्ड के बाघचट्टा पंचायत के अंतर्गत पहाड़ की तराई में बसे गांव सल्याटोली जहां शतप्रतिशत जनजातीय समुदाय (गोंड़, लोहरा, खड़िया, उरांव एवम मुंडा जाति) के लोग निवास करते है. यंहा पिछले वर्ष से दुर्गा पूजा मनाई जा रही है. खास बात ये है कि यहां दुर्गा पूजा के अवसर पर खुद से मूर्ति बनाकर जनजातीय समुदायों के द्वारा पूजा के आयोजन किया जाता है.

इस वर्ष भी गांव के ही पूना तिर्की के द्वारा मां दुर्गा, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, भगवान श्री गणेश, एवं भगवान श्रो कार्तिक की मूर्ति बनाई गई है. इस गांव में Covid 19 के गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए पूरी विधि विधान के साथ सादकीपूर्ण तरीके से दुर्गा पूजा का आयोजन किया जा रहा है. आज महासप्तमी के दिन संस्थापक सह समाज सेवी श्री शीतल प्रसाद,सल्याटोली दुर्गा पूजा समिति के दोनों संरक्षक श्री इसहाक डुंगडुंग, श्री मतीयस बागे, रेंगारी थाना के सहायक सब इंस्पेक्टर श्री शर्मा जी, सिमडेगा जिला गोंड़ महासभा के प्रमुख पदाधिकारी श्री एतवा मांझी ने सामूहिक रूप से पूजन स्थल का फीता काटकर उद्घाटन किया. उद्घटना के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पट खोल दिये गए. इस मौके पर मनोज कोनबेगी, रघुनाथ बेसरा,परशुराम दास इत्यादि प्रमुख रूप से उपस्थित थे.

माता रानी मां दुर्गा जी का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओ का हल्दी पानी से धोने के पश्चात सेनेटाइज करने के उपरांत दर्शन करने दिया जा रहा है. दर्शन करने वाले श्रद्धालुओ को प्रसाद स्वरूप श्री मद भागवत गीता, श्री हनुमान चालीसा, श्री दुर्गा चालीसा भेंट की जा रही है. इस दुर्गा पूजा को सफल बनाने में मुख्यरूप से सल्याटोली दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र बेसरा,सचिव श्री सुबोध तिर्की, कोषाध्यक्ष श्री संजय तिर्की, मर्तिकार पूना तिर्की, जग्धन माझी, चतुरराम बेसरा, दयानन्द बेसरा, नकुल मांझी इत्यादि प्रमुख रूप से लगे हुए है. सुरक्षा व्यवस्था के लिए रेंगारी पुलिस की टीम उपस्थित है.

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