जमशेदपुर के मानगो में पानी की किल्लत बरकरार, बरसात में भी नहीं मिल रही राहत
जमशेदपुर के मानगो में पानी की किल्लत बरकरार, बरसात में भी नहीं मिल रही राहत
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जमशेदपुर: झारखंड के औद्योगिक शहर जमशेदपुर के मानगो क्षेत्र में पानी की समस्या स्थानीय निवासियों के लिए एक अंतहीन चुनौती बनी हुई है। बरसात का मौसम होने के बावजूद मानगो की कई बस्तियों, जैसे ग्वाला बस्ती, सुभाष कॉलोनी, श्याम नगर, कृष्णानगर और गुरुद्वारा रोड, में पीने के पानी की किल्लत बरकरार है। स्थानीय लोग रोजाना पानी के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं, जिससे उनकी दिनचर्या और बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ रहा है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि जलापूर्ति योजना के तहत कुछ इलाकों में पानी की आपूर्ति तो की जाती है, लेकिन यह नाकाफी साबित हो रही है। कई बार पानी का टैंकर समय पर नहीं पहुंचता, जिसके कारण लोगों को एक किलोमीटर से अधिक दूरी तक पैदल चलकर पानी लाना पड़ता है। इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित महिलाएं और बच्चे हैं, जिन्हें घरेलू काम छोड़कर या स्कूल छोड़कर पानी की व्यवस्था में जुटना पड़ता है।
एक स्थानीय निवासी रमेश महतो ने बताया, “बरसात में भी हमें पानी के लिए तरसना पड़ता है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, क्योंकि उन्हें पानी लाने में समय लगाना पड़ता है। हमने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकला।”
मानगो के लोगों ने जिला प्रशासन, नगर निगम और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस समस्या के समाधान की मांग की है। कई बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। निवासियों का कहना है कि पानी की पाइपलाइन और टैंकरों की व्यवस्था को और प्रभावी करने की जरूरत है।
जमशेदपुर नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि मानगो में पानी की आपूर्ति के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं और आबादी के दबाव के कारण सभी क्षेत्रों में नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
गौरतलब है की मानगो वासियों की इस समस्या को हल करने के लिए जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार, नियमित टैंकर सेवा, और नई पाइपलाइन बिछाने जैसे कदमों की जरूरत है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन उनकी इस मूलभूत समस्या को गंभीरता से लेगा और जल्द ही कोई स्थायी समाधान निकाला जाएगा।





