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झारखंड के चार जिलों में भाकपा माओवादियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है

Ranchi: झारखंड के चार जिलों में भाकपा माओवादियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य के चाईबासा, सरायकेला, गुमला और लोहरदगा जिले में हाल के महीनों में भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने एक के बाद एक बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. पिछले 50 दिनों के दौरान इन चारों जिलों में भाकपा माओवादी नक्सलियों ने 12 बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती देने का काम किया है.
देश के अति माओवाद प्रभाव वाले 25 में 8 जिले झारखंड के हैं
झारखंड के आठ जिले माओवादियों की सक्रियता के लिहाज से अति माओवाद प्रभाव श्रेणी में हैं. वहीं राज्य के 16 जिलों में माओवादियों का प्रभाव है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्र की एसआरआई स्कीम के तहत माओवाद प्रभाव वाले जिलों की समीक्षा की है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, पूर्व में देशभर के 90 जिले माओवाद प्रभावित थे. अब संख्या घटकर 70 रह गयी है. केंद्र ने 70 में से 25 जिलों को अति माओवादी प्रभाव वाला माना है. देश के अति माओवाद प्रभाव वाले 25 में 8 जिले झारखंड के हैं.
झारखंड में माओवाद प्रभाव वाले 16 जिलों में रांची, खूंटी, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं. वहीं आठ अति माओवाद प्रभावित जिलों में चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं.

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