1932:-राजयपाल ने अधिनायकवाद ,अलगाववाद राजनीति, करने वाले नेताओ को दिया मुहतोड़ जवाब , महामहिम का अभिनन्दन
1932
Drishti Now ,Ranchi
2002 में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक लाकर राज्य में नया डोमिसाइल नीति बनाना चाहते थे कैलाश यादव ने कहा कि 15 नवंबर 2000 से झारखण्ड निर्माण के बाद से ही बीजेपी,कांग्रेस,आजसू सहित तमाम पार्टियों ने राज्य में डोमिसाइल के तहत 1932 खतियान आधारित स्थानीय नियोजन नीति बनाने के नाम पर असंवैधानिक तरीके से लोगों को बांटने का कार्य करना शुरू कर दिया था ! ज्ञातव्य है कि राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार वर्ष 2002 में 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक लाकर राज्य में नया डोमिसाइल नीति बनाना चाहते थे लेकिन राज्य में लोगो द्वारा उग्र आंदोलन एवं अक्रामक विरोध प्रदर्शन किया गया था !
राज्यपाल के द्वारा 1932 विधेयक सरकार को वापस करने से स्पष्ट हो गया की यह विधेयक राज्यहित जनहित नही है
जबकि यह विषय संविधान के अनुरूप और विधि सम्मत नही होने के कारण माननीय झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा खारिज भी कर दिया गया था ! उसके बावजूद यहां की तमाम सरकारे राज्य में 1932 खतियान आधारित स्थानीयता,भाषा बोली,बाहरी भीतरी,झारखंडी गैर झारखंडी के नाम पर बहुसंख्यक लोगो के खिलाफ नफरती राजनीति करते रहे ! राज्यपाल के द्वारा 1932 विधेयक सरकार को वापस करने से स्पष्ट हो गया की यह विधेयक राज्यहित जनहित नही है और न्याय संगत भी नही है तथा असंवैधानिक है !
वर्तमान समय में सभी नेताओं ने बहुसंख्यक आम आवाम के खिलाफ एक खलनायकी राजनीति का परिचय दिया है
कैलाश यादव ने झारखण्ड नवनिर्माण मंच की ओर से राज्य के तमाम राजनेताओं को सुझाव दिया है कि राज्य में अशांति और भाईचारे बिगाड़ने की राजनीति करने से बाज आए और यहां साढ़े तीन करोड़ जनता को एक समान भावना से देखे और झारखंड की चहुमुखी विकास व समृद्ध राज्य के लिए सबको साथ लेकर चलने का काम करे क्योंकि वर्तमान समय में सभी नेताओं ने बहुसंख्यक आम आवाम के खिलाफ एक खलनायकी राजनीति का परिचय दिया है !
मंच का हेमन्त सरकार से मांग है की अब सरकार 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को दुबारा राजभवन को नही भेजे और लोकतांत्रिक,संवैधानिक तथा न्यायिक व्यवस्था का सम्मान करे !