वैक्सीन वेस्ट होनें के आरोप पर मंत्री बादल पत्रलेख ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर किया पलटवार.
राँची : झारखंड सरकार में कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि वैक्शीन को लेकर दिए गये माननीय के बयान निराधार और तथ्य से परे हैं, स्वास्थ्य मंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि मात्र 4.63 ही वेस्ट हुए हैं जो दर्शाता है। उन्होंने कहा झूठ ज्यादा समय तक नहीं टिक सकता है। बादल ने कहा इसके बावजूद भी अगर सरकार की कमियां गिनाते हैं तो श्रेय देने में भी उदारता दिखायें। उन्होंने कहा विपक्ष की हमेशा एक भूमिका होती है और खासकर संकट के समय में राज्य की जनता इनसे सकारात्मक सहयोग की उम्मीद करती है।
उन्होंने कहा राज्य की जनता यह जानना चाहती हैं कि जिस केंद्र में आप की सरकार है, आपदा से निपटने में झारखंड की जनता के लिए इमानदारी पूर्वक प्रयास किया है। क्या आपने कभी अपने केंद्रीय नेतृत्व से झारखंड के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए संकट में सहयोग के लिए ध्यान आकृष्ट कराया है।देश में वैक्सीनेशन की कमी है और जिस रफ्तार से वैक्सीनेशन चल रही है 18 से 45 वर्ष तक के युवाओं को वैक्शीनेट करने में लगभग 5 वर्ष के समय लगेंगे। राज्य की जनता यह जानना चाहती है वैक्सीनेशन को लेकर क्या प्रदेश के भाजपा नेताओं ने कभी केंद्र पर दबाव बनाया है।
उन्होंने कहा महीने भर से पलामू, गढ़वा और चतरा के किसान भारतीय खाद्य निगम के कारण खुले आसमान के नीचे दंश झेल रहे हैं, 6 मई को झारखंड सरकार के सचिव ने केंद्रीय विभागीय सचिव को पत्र लिखकर इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया परंतु कोई असर अब तक नहीं हुआ है। मानसून प्रवेश कर चुका है, चक्रवात का प्रकोप है लेकिन क्या प्रदेश के नेताओं ने किसानों के हितों के लिए कोई सक्रियता दिखाई जवाब होगा नहीं।
कृषि मंत्री ने कहा कोविड के दौरान झारखंड हाई कोर्ट, इलाहाबाद, दिल्ली हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जो एक विश्वसनीय व निर्विवाद संस्थाएं हैं, ऑक्सीजन की सप्लाई, वेंटिलेटर, रेमेडीशिविर दवाइयों की कमी, कृषि काले कानन को लेकर कई तल्ख टिप्पणियां की है जो रोशनी दिखाने के लिए काफी हैं, यहां तक कि ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए सुप्रीम कोर्ट को कमेटी बनानी पड़ती है जो लोकप्रिय चुनी हुई सरकार और उनके नुमाइंदों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।