kanahiya in congress

कांग्रेस की विचारधारा क्या अब, बस मोदी को हटाने के लिए मोदी के खिलाफ बोलने वाले किसी भी तपके को लपक लेने तक सिमट कर रह गयी है !

JNU के कैम्पस से विवादित बोल से चर्चा में आये कन्हैया कुमार आज कांग्रेस के हो गए । लेकिन आज राहुल गाँधी से मिलने के बाद उन्हें कांग्रेस में शामिल कर लिया गया । लेकिन कई सवाल कन्हैया के कांग्रेस में शामिल होने के साथ ही कांग्रेस में खड़ा होने लगे है । क्या कांग्रेस की कोई विचारधारा बची हुई या नहीं ? क्या कांग्रेस सिर्फ सत्ता की लालसा में है ? कोई भी व्यक्ति जो मोदी को बुरा भल्ला कहे वो कांग्रेस के लिया अति उत्तम है ? दरअसल ये सवाल आज इसलिए उठ रहे है क्युकी कन्हैया कुमार आज भी कोर्ट से बरी नहीं हुए है । अब कांग्रेस तो यह कहेगी की उनपर आरोप साबित नहीं हुआ है तो फिर किसी को हम दोषी नहीं ठहरा सकते है । ऐसे में सवाल है की कन्हैया पर जो आरोप है वो देश को टुकड़े टुकड़े कर देने की अत्यंत ही निंदनीय भाषा का प्रयोग करने का है ।
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JNU की कुछ कथित छात्रों पर जो आरोप लगा है वो देश के किसी नागरिक जो के लिए चुभने वाला है ऐसे में कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी को क्या इस बात का इल्म नहीं था या फिर मोदी को हराने के चक्कर में वो कुछ भी करने को तैयार है । दरअसल कांग्रेस खुद को शुरू से ही सेकुलर विचारधारा की दर्शाती आयी है यही वजह है की आज भी जब हिन्दुत्ववाद और राष्ट्रवाद का रंग लोगो के अंदर भरने में बीजेपी काफी हद तक कामयाब हो गयी है ऐसे में कनहिया को पार्टी में शामिल करना एक तरह से खुद के पांव को कांटे में झोक देने जैसा है , बीजेपी को आने वाले up और पंजाब के चुनाव में बैठे बिठाये राष्ट्रवाद का मुद्दा कन्हैया के बहाने मिल गया है । और शायद इसका नुकसान कांग्रेस शायद नहीं देख पा रही है , वैसे कई जुबानो से अभी यह चर्चा शुरू हो गया है की क्या कांग्रेस का आने वाला स्लोगन भारत तेरे टुकड़े होंगे होने जा रहा है ? जो भी हो यह बात तो बीजेपी के लिए मुद्दा तो बन ही सकता है क्युकी भारत एक ऐसे देश है जहाँ लोग दो वक्त का खाना भले ही न खाये लेकिन देशभक्ति या राष्ट्रवाद के मुद्दे पर देश का कोई भी व्यक्ति जरा सा भी समझौता करना नहीं जानता है ,

उपेंद्र सिन्हा की कलम से —
ये लेखक के निजी विचार है

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