परीक्षा में हुई कड़ाई तो किसी ने हनुमान चालीसा तो किसी ने लिखा Love Letter
Love Letter
Prerna Chourasia
Drishti Now Ranchi
झारखंड में फार्मेसी फर्स्ट ईयर की परीक्षा का रिजल्ट सोमवार रात जारी किया गया। इसमें रिकॉर्ड 97.30% स्टूडेंट्स फेल हो गए। कुल 3400 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी, जिनमें से 92 ही पास हो सके। कुछ परीक्षार्थियों ने कॉपी में लव लेटर लिख दिया था तो किसी ने हनुमान चालीसा। कुछ स्टूडेंट्स ने तो प्रश्न पत्र या एडमिट कार्ड के पीछे लिखे दिशा-निर्देशों को ही कॉपी में उतार दिया। एक छात्र ने दो पन्नों में प्रेम कथा लिख डाली थी।
वहीं फार्माकोलॉजी के एक प्रश्न के जवाब में एक छात्र ने लिखा था-नाज, तुम बहुत अच्छी हो, लेकिन मेरे साथ अच्छा नहीं किया। इन कॉपियों की जांच कानपुर यूनिवर्सिटी में कराई गई थी। वहां से कॉपियां परीक्षा समिति को भेजी गई। समिति के सदस्यों ने जब कॉपियां देखी तो वे भी हतप्रभ रह गए। दरअसल पहली बार परीक्षा में सख्ती हुई थी, जिससे ऐसा रिजल्ट आया।
सख्ती का असर: एक सरकारी सहित 13 कॉलेजों के एक भी छात्र पास नहीं
फार्मेसी परीक्षा समिति ने एक सरकारी और 55 निजी फार्मेसी कॉलेजों की पिछले साल नवंबर-दिसंबर में परीक्षा ली थी। कदाचारमुक्त परीक्षा कराने के लिए पूरे राज्य के फार्मेसी कॉलेजों के लिए वाईबीएन यूनिवर्सिटी में एक ही परीक्षा केंद्र बनाया गया था। प्रश्न पत्र लीक न हो, इसके लिए सचिवालय में मॉनिटरिंग सेंटर बनाया गया था। संयुक्त सचिव चंदन कुमार के निर्देशन में परीक्षा का आयोजन हुआ। और सख्ती का नतीजा यह हुआ कि 13 कॉलेजों के एक भी स्टूडेंट्स पास नहीं हुए। राज्य के एकमात्र राजकीय फार्मेसी कॉलेज के भी सभी परीक्षार्थी फेल हो गए।
भास्कर ने किया था खुलासा- बिना पढ़ाए बांटी जा रही थीं डिग्रियां
झारखंड में दो-दो लाख रुपए में बी-फार्मा और डी-फार्मा (फार्मासिस्ट) की डिग्रियां बांटी जा रही थीं। कॉलेज संचालक दो-चार कमरों के निजी घरों और फ्लैट्स में फार्मेसी कॉलेज खोलकर फार्मासिस्ट की डिग्री देने की गारंटी दे रहे थे। ये कॉलेज हर साल 3500 ऐसे फार्मासिस्ट तैयार कर रहे थे। बदले में युवाओं से 150 करोड़ रुपए की उगाही कर रहे थे।
वे स्टूडेंट्स से कह रहे थे कि बस दो लाख देकर एडमिशन ले लीजिए। क्लास करने की भी जरूरत नहीं है। जरूरत पड़ी तो पेपर भी आउड करा देंगे। भास्कर ने 14 फरवरी 2022 के अंक में ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया था। इसके बाद जांच कमेटी बनी। फिर इस बार परीक्षा में सख्ती बरती गई तो 97% स्टूडेंट्स फेल हो गए।