Ramgarh Upchunav :- कौन बनेगा रामगढ उपचुनाव का नया चेहरा , भाई भाई की विवाद में फंसी कांग्रेस की दावेदारी
Ramgarh Upchunav
Prerna Chourasia
Drishti Now Ranchi
रामगढ़ उप चुनाव में चुनावी रण से पहले घमासान छिड़ा है। सीट की दावेदारी में भाई ही भाई के खिलाफ खड़ा है। कांग्रेस को टिकट के ऐलान से पहले उस दावेदार की पहचान करनी होगी जो इस चुनाव में जीत का परचम लहरा सकता है। उम्मीदवार के ऐलान से पहले, बड़े विवाद के हल तक पहुंचना होगा। अगर कांग्रेस इसे विवाद को हल करने में सफल रहती है, तो चुनावी रण का रास्ता थोड़ा आसान हो सकता है। अगर इस विवाद का हल कांग्रेस नहीं निकालती, तो इस फूट की वजह से कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है।
सब तय था, बजंरग ही थे कांग्रेस का चेहरा
कांग्रेस पार्टी की पूर्व विधायक ममता देवी के परिवार में ही फूट पड़ गयी है। अभी कांग्रेस ने तय नहीं किया कि इस सीट पर उनका उम्मीदवार कौन होगा लेकिन इस सीट पर एक ही पार्टी के दो दावेदार साफ नजर आ रहे हैं। रांची में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में ममता देवी के पति शामिल हुए। कई नेताओं से मुलाकात की। रामगढ़ उप-चुनाव को लेकर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय से सवाल भी किए गये उन्होंने कहा पार्टी इस पर विचार करेगी लेकिन चर्चा तेज थी इस चुनाव में बजरंग महतो ही पार्टी का चेहरा होंगे। बजरंग महतो भी पत्रकारों से बातचीत में यह कह रहे थे कि पार्टी जो जिम्मेदारी देंगी उसका निर्वहन करूंगा।
दावा और दावेदारी
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से मिलने एक व्यक्ति पहुंचे, हाथ में आवेदन और दावा कि रामगढ़ चुनाव में पार्टी उन्हें चेहरा बनाये। दावा यह भी कि उनकी बनाई जमीन पर चल कर ममता देवी ने पहले जिला परिषद फिर विधायक के पद का रास्ता तय किया है। बजरंग महतो के छोटे भाई अमित महतो के इस दावे और दावेदारी ने कांग्रेस के लिए नयी समस्या खड़ी कर दी। कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय ने खुद कहा कि पार्टी उम्मीदवार को चुनाव में प्रचार का मौका देगी इसलिए जल्द ही रामगढ़ चुनाव में उम्मीदवार का ऐलान किया जायेगा। अब पार्टी उम्मीदवार के ऐलान में वक्त ले रही है। दो भाईयों के बीच के विवाद को सुलझाने के बाद ही पार्टी खुलकर चुनावी मैदान में आ सकती है।
राज्य नहीं केंद्र स्तर तक पहुंचा विवाद
बजरंग महतो के भाई अमित महतो ने प्रदेश अध्यक्ष के साथ-साथ यह चिट्ठी कांग्रेस अध्यक्ष तक पहुंचायी है। इस चिट्ठी में उन्होंने दावा किया है कि इस सीट के लिए उन्होंने बहुत काम किया है। रामगढ़ विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार के ऐलान से पहले पार्टी पता कर ले कि अमित महतो कौन है।
कैसे सुलझेगा विवाद
इस विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों को समझना होगा। बजरंग महतो कहते हैं कि उनका भाई उनके परिवार से अलग रहता है। उनके विरोधियों ने यह साजिश रची है ताकि चुनाव में जीत हासिल कर सके। भाई को भड़काया गया है। दूसरी तरफ अमित महतो इस बात पर अड़े हैं कि इस चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार वही होंगे। उन्होंने दावा किया है कि मैं चुनाव अवश्य लड़ूंगा। अमित महतो जिस तरह बयान दे रहे हैं उससे यह साफ लग रहा है कि पार्टी अगर उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाती वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। कई मंचों पर उन्होंने यह साफ कहा है।