डॉ.विजय कृष्ण मामले की सीबीआई जाँच हो : डॉ.प्रणव कुमार बब्बू
रांची. आज दिनांक 14 अक्टूबर, बुधवार को राजधानी के मोरहाबादी मैदान में गोड्डा जिले में पदस्थापित सरकारी चिकित्सक, कोरोना योद्धा डॉ. विजय कृष्ण श्रीवास्तव की हत्या या आत्महत्या मामले की सीबीआई से जाँच करवाने को लेकर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा ने एक घंटे का सांकेतिक धरना दिया और कैंडल मार्च निकाला. इस दौरान डॉ.विजय कृष्ण श्रीवास्तव को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गयी और भगवान से उनकी आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की गयी.
इस दौरान मामले में दोषी सभी अधिकारियों के विरुद्ध मामला दर्ज़ करने और डॉ.श्रीवास्तव के परिवार के साथ न्याय करने की माँग की गयी. गौरतलब है कि पिछले 7 अक्टूबर को चिकित्सक डॉ. विजय कृष्ण श्रीवास्तव का शव उनके घर से काफ़ी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में बरामद हुआ था.
इस अवसर पर अपने संक्षिप्त सम्बोधन में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष डॉ.प्रणव कुमार बब्बू ने कहा कि डॉ.विजय कृष्ण की हत्या या आत्महत्या का मामला अभी तक रहस्यमय है और माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी से इस मामले की अविलम्ब सीबीआई जाँच की अनुशंसा करने का उन्होंने अनुरोध किया. डॉ.बब्बू ने कहा कि डॉ.श्रीवास्तव के साथ घटी घटना सीधे-सीधे झारखण्ड की जनता विशेषकर चिकित्सकों एवं अन्य कोरोना योद्धाओं के मनोबल व आत्मसम्मान से जुड़ा है. क्योंकि बार-बार अनुरोध करने और भीषण आर्थिक एवं मानसिक त्रासदी के बाद भी उन्हें पिछले छह माह से सरकार द्वारा वेतन भुगतान नहीं किया जा रहा था और वे काफी परेशान-प्रताड़ित थे.
आज के धरना के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से डॉ.विजय कृष्ण श्रीवास्तव के परिवार को पाँच करोड़ मुआवजा राशि देने, परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने और इस घटना की सीबीआई जाँच के लिये केन्द्र से अनुशंसा करने की माँग की गयी.
सभी ने एक स्वर से कहा कि अबतक सरकार और प्रशासन ने इस मामले पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. यहाँ तक कि गोड्डा के उपायुक्त के आश्वासन के बाद भी अबतक डॉ.श्रीवास्तव के परिवार को बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया गया है जबकि वे जीवन के अंतिम क्षण तक बिना किसी भेदभाव के जनहित के प्रति समर्पित रहे. बैठक में सर्वसम्मति से राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया.
आज के कार्यक्रम में डॉ.प्रणव कुमार बब्बू, मुकेश कुमार, मुकेश भारतीय, एस.एस.सिन्हा, सूरज कुमार सिन्हा, उपेन्द्र कुमार बब्लू, सुशील कुमार लाल, दिनेश प्रसाद सिन्हा, विपुल कुमार अखौरी बुल्लू, मुकेश कंचन, दीपक कुमार सिन्हा, अमितेश कुमार वर्मा, संतोष दीपक, प्रवीण नन्दन सहाय, अशोक कुमार श्रीवास्तव, सुभाष कुमार सिन्हा, प्रभात कुमार सहाय, विजय कुमार दत्त पिन्टू, अजीत कुमार सिन्हा, शंकर प्रसाद वर्मा, जयदीप सहाय, विनय कुमार सिन्हा, प्रेम रंजन, शंकर वर्मा, ज्योर्तिमणि, शिवम कुमार सहाय, डॉ.ए.के.लाल सहित अनेक लोगों ने अपने विचार व्यक्त किये.