BJP:-भाजपा ने वीडियो जारी कर लगाया था आरोप:आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का को ईडी का समन, कल पूछताछ के लिए बुलाया
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प्रेरणा चौरसिया
Drishti Now Ranchi
पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ईडी ने उन्हें समन भेजा है। पूछताछ के लिए बुधवार सुबह 11 बजे अपने ऑफिस में बुलाया है। विशाल चौधरी के मोबाइल से एक्का के संबंध में कुछ साक्ष्य मिले हैं, जिससे मनी लॉन्ड्रिंग की पुष्टि हुई है। जांच एजेंसी एक्का से जानना चाहेगी कि विशाल चौधरी से उनके क्या संबंध हैं। क्या दोनों के बीच पैसों का लेनदेन भी होता है। एक्का झारखंड के तीसरे आईएएस अधिकारी हैं, जिनसे ईडी पूछताछ करेगी। इससे पहले पूजा सिंघल और साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव से पूछताछ की जा चुकी है।
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने पिछले सप्ताह प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि सत्ता के दलाल विशाल चौधरी के ऑफिस में बैठकर राजीव अरुण एक्का सरकारी फाइलें निपटाते हैं। इसके बाद भाजपा नेताओं ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलकर कार्रवाई की मांग की थी। भाजपा नेता ईडी के अधिकारियों से भी मिले थे और वीडियो सौंपा था। इसके बाद ही उन्हें समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
वीडियो जारी होने पर सीएम के प्रधान सचिव पद से हटाए गए थे
एक्का सीएम के प्रधान सचिव थे। उनके पास सूचना एवं जनसंपर्क, गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी था। वीडियो जारी होने के तत्काल बाद उन्हें इन सभी पदों से हटा दिया गया। उन्हें पंचायती राज विभाग का प्रधान सचिव बना दिया गया है। मरांडी ने दावा किया था कि यह वीडियो क्लिप पिछले साल अप्रैल की है, जब एक्का टेंडर मैनेज करने वाली फाइल को विशाल चौधरी के ऑफिस में बैठकर निपटा रहे हैं। वीडियो में एक महिला भी दिख रही है, जो विशाल की स्टाफ है।
वीडियो में पैसों के लेन-देन की बात भी हो रही है। इस आरोप के बाद पहले तो राजीव अरुण एक्का ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ पता नहीं है। लेकिन बाद में उन्होंने कहा था कि दोस्त के ऑफिस में बैठकर अकाउंट्स समझा रहा था। जिस फाइल पर एक्का को नोटिंग करते हुए दिखाया गया था, उसे उन्होंने सरकारी फाइल मानने से इनकार कर दिया था।
जांच के लिए एक सदस्यीय कमेटी का गठन
हाल ही में आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वो कथित रूप से एक निजी स्थान पर कुछ आधिकारिक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते हुए दिख रहे थे। अब इसी मामले में झारखंड सरकार के कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग ने झारखंड हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी छह माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
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