दो इनामी नक्सलियों समेत 17 कुख्यात माओवादियों के विरुद्ध चलेगा देशद्रोह का मुकदमा.
Giridih, Dinesh.
गिरिडीह : गिरिडीह के पारसनाथ जोन सहित झारखंड के अलग अलग इलाकों में बड़े बड़े नक्सली वारदातों को अंजाम देने वाले पारसनाथ जोन के दो इनामी नक्सली जो एक-एक करोड़ के इनामी हैं, इनके विरुद्ध पुलिस प्रशासन ने देशद्रोह का मामला चलाने का मन बनाते हुए शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. गिरिडीह पुलिस द्वारा इन नक्सलियों के खिलाफ प्रस्तुत किए गए साक्ष्य के आधार पर दंडाधिकारी सह उपायुक्त नेेे इन सभी कुख्यात नक्सलियों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम तथा देशद्रोह का मामला चलाने की अनुशंसा राज्य सरकार से की है.
17 कुख्यात नक्सली पुलिसिया रडार में.
साथ ही साथ प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के अन्य 17 माओवादियों के खिलाफ भी देशद्रोह का मुकदमा चलेगा, जिसमें पुलिस के रडार में सबसे ऊपर भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी सदस्य प्रयाग मांझी उर्फ प्रयाग दा उर्फ विवेक जी तथा पति राम मांझी उर्फ अनल दा है. इन सभी के खिलाफ डुमरी अनुमंडल अंतर्गत मधुबन थाना क्षेत्र के कई इलाकों में 2008 2015 एवं 2017 में विस्फोट कर सरकारी भवनों को उड़ाने एवं सड़क निर्माण कर रही कंपनियों के वाहनों को जलाने का आरोप है. इन सभी आरोपितों के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम एवं देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुशंसा दंडाधिकारी सह उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने मंगलवार शाम को सरकार से अनुशंसा की है.
इन माओवादियों के खिलाफ चलेगा देशद्रोह का मामला.
जिन माओवादियों के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलेगा उनमें से एक करोड़ के दो इनामी प्रयाग मांझी अनल दा के अलावा अजय महतो, नुनुचंद्र महतो, प्रशांत मांझी उर्फ छोटका, कृष्णा मांझी उर्फ कृष्णा हांसदा, दयाल महतो उर्फ वचन दा, रणविजय महतो, पवन मांझी उर्फ लंगड़ा, सीताराम मांझी उर्फ सितारा एवं बेज़ुन किस्कु, के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुशंसा उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा ने सरकार से की है.
माओवादियों द्वारा इन घटनाओं को दिया गया था अंजाम.
28 अप्रैल 2008 की रात को शिखरजी मधुबन स्थित झारखंड भवन को विस्फोट कर उड़ा उड़ाने के मामले में भी उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी राहुल कुमार सिन्हा ने ₹25 लाख के इनामी अजय महतो और और रंजन उर्फ टाइगर उर्फ बासुदेव समेत आधा दर्जन माओवादियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुशंसा की है. 9 जुलाई 2015 को डुमरी के उग्र परियोजना भवन जयपुर को विस्फोट कर उड़ा दिया था, इस मामले में भी उपायुक्त गिरिडीह ने 10 हार्डकोर माओवादियों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की अनुशंसा की है इनमें इनामी नक्सली अजय महतो के अलावा मनोज राय, चंद्र महतो, कृष्णा का, लक्ष्मण राय, रामजी राय, प्रशांत मांझी, छोटू मुर्मू , रंजन उर्फ विजय महतो, राम मांझी उर्फ श्याम मुर्मू, साहिब रामदा उर्फ साहिब राम मांझी एवं पवन मांझी उर्फ लंगड़ा शामिल है. गौरतलब है कि मधुबन थाना क्षेत्र के भागा बांध में 1 जून 2017 को हथियारबंद माओवादियों ने सड़क निर्माण कंपनी के कर्मियों को बुरी तरह से पिटाई की थी, साथ ही उनकी बाइक और बोलेरो के अलावा सड़क बनाने वाली मशीनों को भी जला दिया था.
सूत्रों के अनुसार प्रशासन द्वारा नक्सलियों के विरुद्ध इस कार्रवाई से भाकपा माओवादी के बड़े से छोटे नक्सलियों में डर इस कदर व्याप्त हो चुका है कि पुलिस को ढूंढने से भी यह मिल नहीं रहे. कयास लगाया जा रहा है कि सभी इनामी नक्सली झारखंड छोड़ चुके हैं, वही गिरिडीह एसपी अमित रेणु के अनुसार ये नक्सली जहां भी छिपे होंगे पुलिस उसे ढूंढ निकालेगी तथा इन सभी को देशद्रोह के मुकदमा से कोई नहीं बचा पाएगा. हालांकि गिरिडीह एसपी के अनुरोध पर गिरिडीह उपायुक्त ने इन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी साक्ष्यो को देखते हुए इन सभी के खिलाफ देशद्रोह और विस्फोटक अधिनियम अंतर्गत कार्रवाई करने का अनुशंसा सरकार से की है.