गिरिडीह अगलगी हादसा: पचम्बा के मारवाड़ी मोहल्ले में भीषण आग, मां-बेटी की दर्दनाक मौत
गिरिडीह अगलगी हादसा: पचम्बा के मारवाड़ी मोहल्ले में भीषण आग, मां-बेटी की दर्दनाक मौत
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!झारखंड के गिरिडीह जिले के पचम्बा थाना क्षेत्र अंतर्गत मारवाड़ी मोहल्ले में एक दिल दहला देने वाली अगलगी की घटना हुई। इस हादसे में सीताराम डालमिया के स्वामित्व वाली कपड़ा दुकान “खुशी मार्ट” और उससे सटी तीन मंजिला इमारत में आग लग गई, जिसने देखते ही देखते विकराल रूप ले लिया। इस भीषण आग में दिनेश डालमिया की पत्नी संगीता डालमिया (45 वर्ष) और उनकी बेटी खुशी डालमिया (22 वर्ष) की जिंदा जलकर दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया, और इलाके में मातम पसर गया।
घटना का विवरण
समय और स्थान: जानकारी के मुताबिक 20 अप्रैल की रात करीब 1:00 बजे, मारवाड़ी मोहल्ले में स्थित सीताराम डालमिया की कपड़ा दुकान “खुशी मार्ट” में आग लगी।
प्रारंभिक जांच में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, हालांकि इसकी पुष्टि अभी नहीं हुई है।
आग का फैलाव: आग दुकान से शुरू होकर तेजी से ऊपरी मंजिलों पर बने तीन मंजिला आवासीय भवन तक फैल गई। संकरी गलियों और धुआं निकलने की जगह न होने के कारण आग बुझाने में काफी दिक्कत हुई।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया: रात में बारात से लौट रहे कुछ लोगों ने आग की लपटें देखकर शोर मचाया, जिसके बाद स्थानीय लोग मौके पर जमा हुए। रात करीब 2:00-2:30 बजे के बीच दमकल विभाग और पचम्बा थाना पुलिस को सूचना दी गई।
बचाव कार्य
प्रशासन और दमकल की कार्रवाई: सूचना मिलते ही पचम्बा थाना पुलिस, फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां, और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची। करीब तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चार लोगों को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन संगीता और खुशी आग की लपटों में फंस गईं।
स्थानीय लोगों का योगदान: 100 से अधिक स्थानीय युवकों ने रातभर आग बुझाने और बचाव कार्य में हिस्सा लिया। दमकल की चार गाड़ियों ने 20-25 टैंकर पानी का इस्तेमाल किया, लेकिन आग की भयावहता के कारण 9 घंटे बाद भी इसे पूरी तरह काबू नहीं किया जा सका।
चुनौतियां: संकरी गलियां, धुआं निकलने की जगह न होना, और फायर ब्रिगेड के अपर्याप्त आधुनिक उपकरणों ने बचाव कार्य को जटिल बना दिया।
पीड़ित परिवार और नुकसान
मृतक: संगीता डालमिया और उनकी बेटी खुशी डालमिया इस हादसे में जिंदा जल गईं। खुशी हाल ही में सीए की परीक्षा देकर कोलकाता से लौटी थी, और परिवार में खुशी का माहौल था। घटना से पहले परिवार ने साथ में रात का खाना खाया और हंसते-खेलते सोने गया था।
आर्थिक नुकसान: कपड़ा दुकान और तीन मंजिला मकान में लाखों रुपये की संपत्ति जलकर राख हो गई। दुकान में रखा सारा सामान और मकान का अधिकांश हिस्सा पूरी तरह नष्ट हो गया।
परिवार का हाल: पीड़ित परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों की चीख-पुकार से पूरा मोहल्ला गमगीन हो गया।
प्रशासनिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
मंत्री सुदिव्य कुमार का दौरा: झारखंड सरकार में नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने 21 अप्रैल को घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
इस घटना ने पूरे गिरिडीह शहर को सदमे में डाल दिया। खुशी डालमिया की मौत ने विशेष रूप से लोगों को झकझोर दिया, क्योंकि वह एक होनहार छात्रा थीं और हाल ही में अपनी परीक्षा पूरी कर घर लौटी थीं।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन के साथ मिलकर आग बुझाने में सराहनीय योगदान दिया, लेकिन आग की भयावहता के आगे उनके प्रयास नाकाफी साबित हुए।





