एक करोड़ के इनामी नक्सली सहित आठ नक्सली हुए पुलिस मुठभेड़ में ढेर , पूरी खबर विस्तार से
बोकारो के लूगु पहाड़ में नक्सल उन्मूलन अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता
बोकारो : बृजभूषण दृवेदी
झारखंड के बोकारो जिले के लूगु पहाड़ क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड में आठ नक्सली मारे गए है । DGP अनुराग गुप्ता ने PC कर इसकी जानकारी दी । उन्होंने बताया की नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान “डाकाबेड़ा” चलाया जा रहा है जिसके तहत यह बड़ी कार्यवाही हुई है ।
यह अभियान खुफिया जानकारी के आधार पर शुरू किया गया, जिसमें भाकपा (माओवादी) के केंद्रीय कमेटी सदस्य विवेक उर्फ प्रयाग मांझी, सहदेव सोरेन और 20 से 25 अन्य सशस्त्र माओवादियों की मौजूदगी की सूचना थी।
अभियान का विवरण
सुरक्षा बल: अभियान में 209 कोबरा (CRPF की विशेष इकाई), बोकारो जिला पुलिस, झारखंड जगुआर, और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की संयुक्त टीमें शामिल थीं।
स्थान: लूगु पहाड़, बोकारो जिला, झारखंड। यह क्षेत्र घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों के लिए जाना जाता है, जो नक्सलियों के लिए छिपने का प्रमुख ठिकाना रहा है।
समय: अभियान की शुरुआत 21 अप्रैल को हुई
मुठभेड़: सुरक्षा बलों और माओवादी दस्ते के बीच कई बार गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों ने रणनीतिक रूप से नक्सलियों को घेर लिया, जिसके परिणामस्वरूप भारी नुकसान हुआ।
अभियान के परिणाम
नक्सलियों की हानि:
मुठभेड़ में अब तक 08 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं।
प्रारंभिक जांच में तीन मृत नक्सलियों की पहचान निम्नलिखित रूप से हुई:
विवेक उर्फ प्रयाग मांझी: भाकपा (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी का सदस्य, जिस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था। वह संगठन के शीर्ष नेतृत्व में शामिल था और कई बड़े नक्सली हमलों में उसका नाम सामने आया था।
अरविंद यादव: स्पेशल एरिया कमेटी का सदस्य, जो संगठन की रणनीति और क्षेत्रीय गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था।
साहब राम मांझी: जोनल कमेटी का सदस्य, जिस पर 10 लाख रुपये का इनाम था। वह स्थानीय स्तर पर नक्सली गतिविधियों का संचालक था।
शेष 05 मृत नक्सलियों की पहचान के लिए जांच और सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
बरामद सामग्री:
हथियार:
04 इंसास राइफलें
01 सेल्फ-लोडिंग राइफल (SLR)
01 रिवॉल्वर
भारी मात्रा में गोला-बारूद और दैनिक उपयोग की सामग्री (जैसे राशन, कपड़े, और अन्य उपकरण) बरामद की गई।
चल रहा अभियान:
मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन जारी है। सुरक्षा बल जंगल और पहाड़ी क्षेत्रों में संभावित अन्य नक्सलियों की तलाश कर रहे हैं।
यह संभावना है कि कुछ नक्सली घायल होकर भाग गए हों या अन्य ठिकानों पर छिपे हों, जिसके लिए व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
नक्सलवाद पर प्रहार: विवेक उर्फ प्रयाग मांझी जैसे केंद्रीय कमेटी सदस्य का मारा जाना भाकपा (माओवादी) के लिए बड़ा झटका है। केंद्रीय कमेटी के सदस्य संगठन की नीतियों और बड़े हमलों की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रभाव: लूगु पहाड़ जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस तरह की कार्रवाई से स्थानीय आबादी में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और नक्सलियों का मनोबल कमजोर होगा।
जाहिर है की लूगु पहाड़ में “डाकाबेड़ा” अभियान नक्सलवाद के खिलाफ एक निर्णायक कदम है। सुरक्षा बलों की इस सफलता से न केवल नक्सलियों की कमर टूटी है, बल्कि झारखंड और आसपास के क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।