आजसू पार्टी ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना: पेसा कानून लागू न होने पर सरना आदिवासियों के साथ विश्वासघात
आजसू पार्टी ने झारखंड की हेमंत सरकार पर पेसा कानून (पंचायत अनुसूचित क्षेत्र विस्तार अधिनियम, 1996) को लागू न करने का गंभीर आरोप लगाया है। पार्टी ने कहा कि झामुमो और कांग्रेस सरना आदिवासियों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं, जिसके चलते आदिवासी समुदाय में गहरा असंतोष व्याप्त है।
आजसू के मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत और झारखंड आंदोलनकारी प्रवीण प्रभाकर ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हेमंत सरकार ने 2019 और 2024 के चुनावों में पेसा कानून लागू करने के वादे किए थे, लेकिन पांच साल बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब और बालू माफिया के दबाव में सरकार इस कानून को लागू करने से कतरा रही है।
पेसा कानून आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन पर स्वामित्व के साथ-साथ उनकी सांस्कृतिक पहचान और परंपराओं को संरक्षित करने का अधिकार देता है। आजसू नेताओं ने कहा कि सरकार की विफलता के कारण ग्राम सभाओं का सशक्तिकरण और स्थानीय स्वशासन केवल कागजी वादा बनकर रह गया है, जिससे सरना आदिवासियों के सामाजिक-आर्थिक विकास को गहरा नुकसान हुआ है।
डॉ. भगत ने जोर देकर कहा, “झामुमो और कांग्रेस का इतिहास आदिवासियों को छलने का रहा है। 1993 में झारखंड आंदोलन की सौदेबाजी इसका उदाहरण है। आजसू पार्टी मांग करती है कि हेमंत सरकार तत्काल पेसा कानून लागू करे और झारखंड पंचायत राज अधिनियम, 2001 में आवश्यक संशोधन करे।”