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सिल्ली, राहे, और अनगड़ा में ग्रामीण कार्य विभाग के टेंडरों में अनियमितताओं का आरोप, मंत्री दीपिका पांडे सिंह से जनता दरबार में स्वतंत्र जांच की मांग

झारखंड के ग्रामीण कार्य विभाग में सिल्ली, राहे, और अनगड़ा प्रखंडों में पिछले वर्ष जारी दो प्रमुख पैकेज टेंडरों में गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमती दीपिका पांडे सिंह के जनता दरबार में स्थानीय लोगों ने इन मुद्दों को उठाते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है।

स्थानीय ग्रामीणों ने शिकायत की है कि निर्माण स्थलों पर सूचना बोर्ड नहीं लगाए गए हैं, जो पारदर्शिता के मानकों का उल्लंघन है। इसके अलावा, निर्माण सामग्रियों की गुणवत्ता को बेहद निम्न स्तर का बताया जा रहा है, जिससे कार्य की मजबूती और टिकाऊपन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। गंभीर रूप से, श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी से भी कम भुगतान किए जाने की बात सामने आई है, जो श्रम कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है।

पैकेज 2 (₹22.26 करोड़) का ठेका सिद्धार्थ कंस्ट्रक्शन को 6% अधिक दर पर आवंटित किया गया, जिसने कई सवाल खड़े किए हैं। वहीं, पैकेज 16 (₹13.83 करोड़) बृजेश कुमार को दिया गया, जिनके विभागीय अधिकारियों से कथित निकट संबंधों की चर्चा है।

बुंडू (रेलाडीह) पुल निर्माण की निविदा में भी गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। बताया जा रहा है कि संबंधित संवेदक ने 15% कम दर पर टेंडर डाला था, लेकिन अन्य सभी निविदाकारों को अयोग्य घोषित कर केवल उसी संवेदक को उपयुक्त ठहराया गया। सूत्रों के अनुसार, कुछ अन्य निविदाएं इससे भी अधिक कम दर की थीं, जिससे टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

जनता दरबार में शिकायतकर्ताओं ने मंत्री दीपिका पांडे सिंह से इन सभी मामलों की स्वतंत्र जांच और मुख्य अभियंता की भूमिका की निष्पक्ष जांच की मांग की। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि जवाबदेही तय किए बिना और हर टेंडर की निष्पक्ष जांच किए बिना जनता का भरोसा कायम नहीं हो सकता।

मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी शिकायतों की जांच कर उचित कदम उठाए जाएंगे।

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