एंटी करप्शन ब्यूरो नेदेवघर के सिविल सर्जन को 70हजार घुस लेते रंगे हाथों पकड़ा।
एंटी करप्शन ब्यूरो नेदेवघर के सिविल सर्जन को 70हजार घुस लेते रंगे हाथों पकड़ा।
एंटी करप्शन ब्यूरो ने देवघर के सिविल सर्जन को घूस लेते हुए गिरफ्तार कर लिया है। एसीबी ने बुधवार को सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा को उनके आवास में 70 हजार रूपये घूस लेते हुए गिरफ्तार किया। घूसखोर सिविल सर्जन को गिरफ्तार कर दुमका स्थित एसीबी कार्यालय लाया गया है जहाँ कागजी प्रक्रिया के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाएगा।
जानकारी के मुताबिक एसीबी ने सिविल सर्जन को एक नर्सिंग होम के रिन्यूवल कराने के एवज में घूस मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया। सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा पर मधुपुर में बंगाल नर्सिंग होम चलाने वाले मो महफूज आलम ने घूस मांगने का आरोप लगाया था और इसकी शिकायत एसीबी से की थी। मो महफूज ने साल 2020 में बंगाल नर्सिंग होम के नाम से दस बेड की क्षमता वाले हॉस्पिटल की शुरुआत की थी। नर्सिंग होम का रिन्यूवल कराना था लेकिन निजी कारणों से मो महफूज ने रिन्यूवल का आवेदन देने में देर कर दी। काफी दिनों के बाद जब उनके आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वो सिविल सर्जन से मिले। सिविल सर्जन ने नर्सिंग होम के रिन्यूवल के नाम पर मो महफूज से एक लाख रूपये घूस देने की मांग की। बाद में घूस की पूरी राशि किस्त में देने पर तय हुआ। नर्सिंग होम का संचालक घूस नहीं देना चाहता था और उसने मामले की शिकायत एसीबी से की। एसीबी ने जाँच में मामले को सही पाया। जाँच के दौरान सिविल सर्जन द्वारा घूस की राशि एक लाख से बढ़ाकर एक लाख 50 हजार तक करने की भी पुष्टि हुई। फिर एसीबी ने ट्रैप कर घूसखोर सिविल सर्जन को देवघर स्थित उनके आवास नवजीवन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से 70 हजार रूपये घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।