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एनसीएसटी की सदस्य डा. आशा लकड़ा ने सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर रैंप का किया निरीक्षण, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव की अनुपस्थिति पर जताई नाराजगी

रांची: एनसीएसटी की सदस्य डा. आशा लकड़ा ने सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर रैंप का किया निरीक्षण, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव की अनुपस्थिति पर जताई नाराजगी
रांची, : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डा. आशा लकड़ा ने मंगलवार को रांची के सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के समीप सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर के रैंप का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद प्रोजेक्ट भवन में आयोजित बैठक में उन्होंने पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार की अनुपस्थिति पर कड़ा रुख अपनाया। डा. लकड़ा ने कहा कि सुनील कुमार आयोग के निर्देशों की लगातार अवहेलना कर रहे हैं। जब दिल्ली में आयोग के समक्ष उपस्थित होने का समन जारी किया जाता है, तो वे व्यस्तता का हवाला देते हैं, और जब रांची में बैठक के लिए बुलाया जाता है, तो वे दिल्ली चले जाते हैं। इस रवैये को अनुचित बताते हुए उन्होंने बैठक स्थगित कर दी, क्योंकि बिना प्रधान सचिव की उपस्थिति के कोई ठोस निष्कर्ष संभव नहीं था।
केंद्रीय सरना स्थल के संरक्षण पर जोर
डा. लकड़ा ने सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर के रैंप निर्माण के संबंध में कहा कि अधिकारियों ने बताया कि फ्लाईओवर के दो पिलर के बीच 12 मीटर का गैप और रैंप की लंबाई 300 मीटर है। रैंप के आगे-पीछे पर्याप्त जगह उपलब्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नई तकनीक का उपयोग कर रैंप की ऊंचाई बढ़ाई जाए और पिलर निर्माण कर सरना स्थल के समीप पहुंच सुनिश्चित की जाए, ताकि सरहुल शोभायात्रा में शामिल आदिवासी समाज को केंद्रीय सरना स्थल तक आने-जाने में कोई परेशानी न हो।
उन्होंने डीपीआर तैयार करने वाले अधिकारियों की लापरवाही पर सवाल उठाया, जिन्होंने रैंप डिजाइन के दौरान केंद्रीय सरना स्थल जैसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल पर ध्यान नहीं दिया। डा. लकड़ा ने कहा, “केंद्रीय सरना स्थल आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर है। सरहुल जैसे त्योहार में लाखों आदिवासी शोभायात्रा के माध्यम से इस स्थल पर पहुंचते हैं। डीपीआर तैयार करते समय इसकी अनदेखी आदिवासी संस्कृति पर कुठाराघात है।” उन्होंने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि आदिवासी सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण सुनिश्चित किया जाए।
आयोग के नोटिस का जवाब देने का निर्देश
डा. लकड़ा ने संबंधित अधिकारियों को आयोग के नोटिस का जवाब देने और रैंप निर्माण व सरना स्थल के संरक्षण पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुख्य सचिव अलका तिवारी ने आश्वासन दिया कि आयोग के सुझावों और निर्देशों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव को भेजी जाएगी। डा. लकड़ा ने स्पष्ट किया कि जब तक आयोग इस मामले की जांच पूरी नहीं कर लेता, तब तक फ्लाईओवर का उद्घाटन या कोई निर्माण कार्य नहीं होगा।
बैठक में रांची नगर निगम के अपर प्रशासक संजय कुमार, नगर विकास विभाग के अधिकारी ज्ञानेंद्र कुमार, एनसीएसटी के डिप्टी सेक्रेटरी योगेंद्र यादव, रिसर्च ऑफिसर एचआर मीणा, अनुसंधान अधिकारी राहुल, लीगल ऑफिसर राहुल यादव सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
आदिवासी संस्कृति का संरक्षण जरूरी
डा. आशा लकड़ा ने जोर देकर कहा कि केंद्रीय सरना स्थल आदिवासी समाज की पहचान और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इसका संरक्षण न केवल आदिवासी समाज, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक बहुलता के लिए आवश्यक है। उन्होंने राज्य सरकार से इस दिशा में त्वरित और ठोस कदम उठाने की अपील की।

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