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ऑनलाइन मनी गेमिंग पर प्रतिबंध: ड्रीम-11 जैसे ऐप्स ने शुरू किया मनी गेम्स बंद करना

नई दिल्ली : भारत की संसद ने हाल ही में ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक 2025’ को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत ऑनलाइन मनी गेमिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इस विधेयक के कानून बनने के बाद ड्रीम-11, माय सर्किल-11, और अन्य प्रमुख ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपने ऐप्स पर रियल-मनी गेम्स को बंद करना शुरू कर दिया है। यह कदम वित्तीय धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, और युवाओं में लत जैसी गंभीर समस्याओं को रोकने के लिए उठाया गया है।

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केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 20 अगस्त को लोकसभा और 21 अगस्त को राज्यसभा में इस विधेयक को पेश किया। भारी हंगामे के बीच बिना चर्चा के दोनों सदनों से इसे मंजूरी मिल गई। विधेयक में ऑनलाइन मनी गेमिंग, जैसे कि फैंटेसी स्पोर्ट्स, रमी, पोकर, और ऑनलाइन सट्टेबाजी, पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ इसके विज्ञापनों और प्रचार पर भी रोक लगाई गई है।

कानून के प्रमुख प्रावधान

ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाएं प्रदान करने वालों को 3 साल तक की जेल और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बार-बार उल्लंघन पर सजा को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और सेलिब्रिटी जो इन गेम्स का प्रचार करेंगे, उन्हें 2 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बैंकों और वित्तीय संस्थानों को मनी गेमिंग से संबंधित लेनदेन की सुविधा देने पर रोक लगाई गई है। वहीं एक वैधानिक नियामक प्राधिकरण की स्थापना होगी, जो यह तय करेगा कि कौन सा गेम मनी गेम की श्रेणी में आता है।

विधेयक के पारित होने के बाद ड्रीम-11 जैसे प्रमुख फैंटेसी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स ने अपने मनी गेम्स को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ड्रीम-11, जो भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और IPL की जर्सी स्पॉन्सरशिप से जुड़ा है, पर इस प्रतिबंध का बड़ा असर पड़ने की संभावना है। सोशल मीडिया पर चर्चा के अनुसार, ड्रीम-11 ने पैसे से जुड़े गेम्स को बंद कर दिया है, और अब यह केवल स्किल-बेस्ड या सोशल गेम्स की ओर शिफ्ट हो सकता है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “ऑनलाइन मनी गेमिंग नशे की तरह है, जिसने कई परिवारों को बर्बाद किया और आत्महत्याओं को बढ़ावा दिया। हमारा उद्देश्य समाज को बचाना है, न कि राजस्व की चिंता करना।” सरकार का कहना है कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा, मनी लॉन्ड्रिंग, और डिजिटल धोखाधड़ी को रोकने के लिए जरूरी है। साथ ही, ई-स्पोर्ट्स और शैक्षणिक गेम्स को बढ़ावा देकर भारत को ग्लोबल गेमिंग हब बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

ऑनलाइन गेमिंग उद्योग वर्तमान में 32,000 करोड़ रुपये का है और 86% राजस्व रियल-मनी गेमिंग से प्राप्त करता है, इस प्रतिबंध से बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (AIGF) और अन्य संगठनों ने चिंता जताई है कि इससे 400 से अधिक कंपनियां बंद हो सकती हैं और 2 लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं।

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